Zodiac Signs: वैदिक ज्योतिष में सूर्य और चंद्रमा के संयोग से बनने वाले विभिन्न योगों का विशेष महत्व होता है। इन्हीं में से एक है सूर्य-चंद्र महापात योग, जिसे व्यतिपात योग भी कहा जाता है। यह योग विशेष रूप से अशुभ और बाधादायक माना जाता है। संस्कृत में ‘व्यतिपात’ शब्द का अर्थ ‘पतन’ या ‘विनाश’ होता है। ज्योतिषीय दृष्टि से, यह योग तब बनता है जब सूर्य और चंद्रमा एक ही नक्षत्र में स्थित होते हैं, लेकिन उनकी दिशाएं विपरीत होती हैं। यह स्थिति अत्यंत अशुभ मानी जाती है, क्योंकि इसमें चंद्रमा की शुभता और मानसिक शांति बाधित होती है।
सूर्य-चंद्र महापात योग का ज्योतिष महत्व
सूर्य-चंद्र महापात योग सोमवार, 17 फरवरी 2025 को अपराह्न में 4 बजकर 44 मिनट पर बनेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य आत्मा, आत्मबल, सम्मान, नेतृत्व, सामाजिक प्रतिष्ठा आदि के कारक हैं, जबकि चंद्रमा मन, माता, जल, विचार, मानसिक अवस्था के कारक ग्रह हैं। जब ये दोनों ग्रह विपरीत दिशाओं में कार्य करते हैं, तो व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। इस योग के कुप्रभाव से व्यक्ति के मन में अकारण चिंता, भय और भ्रम की स्थिति बनी रहती है। व्यक्ति सही निर्णय नहीं ले पाता है और गलत दिशा में जाने की संभावना बढ़ जाती है। लोग गलत निर्णय लेकर अपने जीवन में बुरे कामों की ओर आकर्षित हो जाते हैं।
सूर्य-चंद्र महापात का राशियों पर असर
ज्योतिषीय दृष्टि से, सूर्य और चंद्रमा की व्यतिपात स्थिति इन दोनों ग्रहों के बीच ऊर्जा के असंतुलन को दर्शाती है। यह असंतुलन न केवल व्यक्ति के जीवन पर बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसे महापात दोष भी कहा जाता है, जो ज्योतिष में अशुभ और अनिष्कारीकारी प्रभावों के लिए जाना जाता है। यूं तो इस योग का असर सभी राशियों पर व्यापक और गहरा असर होता है, लेकिन 3 राशियों के जातकों पर इस गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है। आइए जानते हैं, ये 3 अनलकी राशियां कौन-सी हैं?
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वृषभ राशि
इस योग के कुप्रभाव से स्वास्थ्य समस्याएं जैसे- सिरदर्द, मानसिक तनाव, थकान और अनिद्रा जैसी परेशानियां हो सकती हैं। धन हानि की संभावना है। अभी निवेश करने से बचें। वित्तीय संकट बढ़ने के कारण प्रोजेक्ट में रुकावटें आएंगी। कार्यक्षेत्र में बाधा आएगी। नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। पैतृक संपत्ति का विवाद गहरा हो सकता है। पारिवारिक तनाव और मतभेद बढ़ सकते हैं।
उपाय: भगवान शिव की पूजा करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। चंद्रमा के दोष से बचने के लिए दूध, चावल और सफेद कपड़े का दान करें। मानसिक शांति के लिए ध्यान और योग करें।
सिंह राशि
पेट संबंधी समस्याएं, ब्लड प्रेशर और हृदय से जुड़ी परेशानियां पैदा हो सकती हैं। स्वास्थ्य में गिरावट आने कई काम पेंडिंग हो जाएंगे, इससे मानसिक अस्थिरता बढ़ेगी। अधिक चिंता और बेचैनी के कारण निर्णय लेने में कठिनाई होगी। कार्यस्थल पर विवाद हो सकता है, सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मतभेद हो सकते हैं। यात्रा में बाधा आने की आशंका है। इस दौरान की गई यात्रा कष्टदायक हो सकती है या अचानक रद्द हो सकती है।
उपाय: सूर्य देव को अर्घ्य दें और ‘ॐ घृणिः सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। लाल वस्त्र और गुड़ का दान करें।
वृश्चिक राशि
शारीरिक कमजोरी बढ़ने के दुर्योग हैं। इससे इम्यूनिटी कमजोर होगी, जिससे मौसमी बीमारियां और थकावट महसूस हो सकती है। कार्यक्षेत्र में रुकावट आने की आशंका है, अधूरे काम लंबित रह सकते हैं और सफलता मिलने में देरी हो सकती है। बातचीत में संयम रखने की जरूरत है, अन्यथा विवाद बढ़ सकते हैं। परिवार या दोस्तों से अनबन होने की संभावना है। अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं, जिससे बजट बिगड़ सकता है।
उपाय: हनुमान जी की पूजा करें और ‘ॐ रामदूताय नमः’ मंत्र का जाप करें। काले तिल, सरसों का तेल और उड़द दाल का दान करें। मानसिक तनाव से बचने के लिए जल में कपूर मिलाकर स्नान करें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।