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Ratna Chikitsa: रत्नों से करें बीमारी का इलाज, जानें कौन-सा जेमस्टोन किस रोग में है कारगर

Ratna Chikitsa: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सही रत्न पहनकर मानसिक शक्ति बढ़ा सकते हैं, रक्त संबंधी समस्याओं को नियंत्रित कर सकते हैं और कई रोगों की रोकथाम कर सकते हैं? आइए जानते हैं, रत्न चिकित्सा में कौन-सा जेमस्टोन किस रोग में कारगर है और कैसे यह विष व नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है?

Author Written By: Shyamnandan Updated: Dec 3, 2025 23:04
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Ratna Chikitsa: रत्नों का उपयोग केवल सजावट के लिए नहीं, बल्कि प्राचीन काल से स्वास्थ्य लाभ के लिए भी किया जाता रहा है. आयुर्वेद और प्राचीन चिकित्सा शास्त्रों में रत्नों के असर और उनके रोगनिवारक गुणों का विस्तार से वर्णन मिलता है. नीलम, हीरा, माणिक्य, ओनिक्स जैसे रत्न सिर्फ सौंदर्य ही नहीं बढ़ाते, बल्कि शरीर और मन को भी मजबूत बनाते हैं. सही समय और विधि से रत्न धारण करने पर यह कई बीमारियों में लाभकारी साबित होते हैं. आइए जानते हैं, किस रोग में कौन-सा रत्न उपयोगी है?

मुख्य रत्न और उनके फायदे

हीरा (Diamond)

हीरा न केवल सौंदर्य बढ़ाता है बल्कि पौरुष और शारीरिक शक्ति में भी वृद्धि करता है. यह शरीर में ऊर्जा और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है. साथ ही यह आत्मविश्वास बढ़ाने और तनाव कम करने में भी सहायक होता है.

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माणिक्य (Ruby)

माणिक्य रक्त संबंधी समस्याओं में अत्यंत लाभकारी है. यह रक्त की गुणवत्ता बढ़ाने और शरीर में जीवन शक्ति बनाए रखने में सहायक है. इसके नियमित उपयोग से हृदय स्वास्थ्य भी मजबूत रहता है.

पन्ना (Emerald)

खूनी बवासीर या लगातार रक्त बहने की समस्या में संगे-मरियम यानी पन्ना अत्यंत उपयोगी है. यह शरीर में रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है. साथ ही यह मानसिक शांति और तनाव मुक्ति में भी मदद करता है.

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पुखराज (Yellow Sapphire)

बुद्धि कमजोर या मन भ्रमित होने पर यह संगे-यशब यानी पुखराज रत्न विशेष फायदेमंद है. यह मानसिक शक्ति और निर्णय क्षमता को बढ़ाता है. यह वित्तीय और करियर संबंधी निर्णयों में भी सकारात्मक प्रभाव डालता है.

हौलदिली (Turmeric Stone)

गर्भपात का संदेह होने पर इसे धारण करने से सुरक्षा मिलती है. यह महिलाओं के स्वास्थ्य और संतुलन में सहायक माना जाता है. साथ ही यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी मदद करता है.

ओनिक्स (Onyx)

विष और नकारात्मक प्रभावों से शरीर को बचाता है. इसके साथ ही स्मरण शक्ति और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है. यह नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करके मन को शांत और संतुलित रखता है.

रत्नों का रोजमर्रा में उपयोग

आज भी दुनिया के कई देशों में रत्नों का उपयोग देखा जाता है. तुर्की में हुक्के में अंबर लगाना और जर्मनी में बच्चों के गले में अंबर की मणिमाला बांधना आम है. मूंगा के रंग में बदलाव से भी स्वास्थ्य का पता लगाया जाता है. ये उदाहरण बताते हैं कि रत्न केवल आभूषण नहीं, बल्कि रोगों को नियंत्रित करने और शरीर को सशक्त बनाने का माध्यम हैं.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Dec 03, 2025 10:58 PM

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