Raksha Bandhan Date Muhurat Confusion : भाई-बहन के अटूट प्रेम का पावन पर्व रक्षाबंधन नजदीक है, लेकिन लोगों में राखी की दिन, समय और शुभ मुहूर्त को लेकर भारी कन्फ्यूजन है। लोगों के समझ में नहीं आ रहा है कि राखी का त्योहार बुधवार 30 अगस्त को मनाई जाए या फिर गुरुवार 31 अगस्त को।
हिंदू पंचाग के मुताबिक राखी का पावन पर्व हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। लेकिन इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल ने लोगों को कंफ्यूजन कर दिया है कि उनके लिए राखी किस दिन, किस समय और मुहूर्त में बांधना शुभ रहेगा। क्योंकि बुधवार 30 अगस्त को सुबह से लेकर रात तक भद्रा का साया रहने वाला है। दरअसल भद्रा काल में किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही है।
राखी भद्राकाल में क्यों नहीं बांधते ?
पौराणिक मान्यता के मुताबिक लंकाधीश रावण की बहन शूर्पणखा उन्हें को भद्राकाल में ही राखी बांधी थी और इसलिए रावण का सर्वनाश हो गया। इसी मान्यता के आधार पर बहने भद्राकाल में भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं। कहा जाता है कि भद्राकाल में राखी बांधने से भाई की जहां उम्र कम होती है वहीं उनपर विपदा भी आती है।
इस समय रहेगा भद्राकाल
इस साल सावन पूर्णिमा की शुरुआत 30 अगस्त सुबह 10:58 मिनट से हो रही है जिसका समापन 31 अगस्त सुबह 07:05 मिनट पर होगा। वहीं पूर्णिमा तिथि के साथ ही 30 अगस्त सुबह 10:58 मिनट से भद्राकाल शुरू हो रही है जो रात 09:02 बजे समाप्त होगी। भद्राकाल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है, ऐसे में 30 अगस्त को सुबह 10:58 मिनट से लेकर रात 09:02 बजे तक राखी बांधना शुभ नहीं रहेगा।
ऐसे में आप भद्राकाल समाप्त होने के बाद 30 अगस्त की रात 09:03 मिनट से 31 अगस्त सुबह 7:05 मिनट तक राखी बांध सकते हैं। ऐसे में 31 अगस्त की सुबह 7 बजकर 05 मिनट तक राखी बांधना आपके लिए उपयुक्त रहेगा।
रक्षाबंधन शुभ समय और मुहूर्त (Raksha Bhandhan Shubh Muhurat)
अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त- 30 अगस्त रात 9.34 बजे से रात 10.58 बजे तक।
उपयुक्त मुहूर्त- 30 अगस्त रात 9.03 मिनट से 31 अगस्त सुबह 7.05 मिनट तक।
आपको बता दें कि राखी बांधने का सबसे उपयुक्त समय दोपहर होता है, लेकिन इस साल 30 और 31 अगस्त दोनों में किसी दिन दोपहर में राखी बांधने के लिए कोई भी उपयुक्त मुहूर्त नहीं है।
यह भी पढ़ें- Rakhi Auspicious Colour: रक्षा बंधन पर भाई की कलाई पर भूलकर भी ना बांधें ऐसी राखी, जीवन भर रहता है दुर्भाग्य का साया
और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें