ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक छाया और मायावी ग्रह के रूप में जाना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में गहरे और जटिल प्रभाव डालता है. राहु की महादशा 18 वर्षों तक चलती है. इस दौरान व्यक्ति के जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव, मानसिक तनाव और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां ला सकती है. यह अवधि भ्रम, अनिश्चितता और नकारात्मक ऊर्जा से भरी हो सकती है. इस समय में व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।
राहु की महादशा में हो सकती हैं ये बीमारियां
राहु का प्रभाव व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है. यह ग्रह भ्रम, छल और अनियंत्रित इच्छाओं का कारक माना जाता है, जिसके कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
मानसिक स्वास्थ्य होता है प्रभावित
राहु की महादशा में मानसिक स्वास्थ्य सबसे अधिक प्रभावित होता है. व्यक्ति को अकारण चिंता, तनाव और अवसाद का सामना करना पड़ सकता है. नींद से संबंधित समस्याएं जैसे अनिद्रा या बार-बार बुरे सपने आना भी आम है. इसके अलावा, राहु के प्रभाव से व्यक्ति भ्रमित हो सकता है और निर्णय लेने में कठिनाई महसूस कर सकता है. यह मानसिक अस्थिरता व्यक्ति के दैनिक जीवन और कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है.
स्किन प्रॉब्लम्स का करना पड़ता है सामना
त्वचा संबंधी समस्याएं भी राहु की महादशा में आम हैं. इस दौरान एलर्जी, दाद, खुजली या त्वचा पर रैशेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं. राहु का संबंध शरीर में विषाक्तता से भी होता है, जिसके कारण त्वचा पर सूजन या अन्य रोग उत्पन्न हो सकते हैं. कई बार अनुचित खान-पान या पर्यावरणीय कारकों के कारण ये समस्याएं और बढ़ जाती हैं.
पाचन संबंधी रोग
पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं भी इस अवधि में उभर सकती हैं. राहु की महादशा में अपच, गैस, कब्ज या अम्लता जैसी समस्याएं आम हैं. गलत खान-पान की आदतें, जैसे तीखा या तला हुआ भोजन, इन समस्याओं को और गंभीर बना सकता है. कुछ मामलों में, पेट में अल्सर जैसी जटिल समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं.
हड्डियों और नसों से संबंधित रोग
राहु का प्रभाव नसों और हड्डियों पर भी पड़ता है. इस दौरान जोड़ों में दर्द, गठिया या नसों की कमजोरी की शिकायत हो सकती है. कुछ व्यक्तियों को हड्डियों में कमजोरी या छोटी-मोटी चोटों का खतरा भी बढ़ सकता है. यह समस्याएं विशेष रूप से उन लोगों में अधिक देखी जाती हैं, जिनकी कुंडली में राहु अन्य अशुभ ग्रहों के साथ युति करता हो.
इसके साथ ही संक्रामक रोगों का खतरा भी इस अवधि में बढ़ सकता है. राहु के प्रभाव से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जिसके कारण वायरल बुखार, सर्दी-जुकाम या अन्य संक्रामक रोग बार-बार हो सकते हैं. इसके अलावा, आंखों में जलन, धुंधला दिखना, सिरदर्द या माइग्रेन जैसी समस्याएं भी राहु की महादशा में देखी जा सकती हैं.
नशे की लग सकती है लत
कुछ मामलों में, राहु की महादशा व्यक्ति को नशे या लत की ओर ले जा सकती है, जैसे धूम्रपान, शराब या अन्य हानिकारक पदार्थों का सेवन आदि व्यक्ति कर सकता है. यह आदतें स्वास्थ्य को और अधिक नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे दीर्घकालिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
राहु की महादशा में स्वास्थ्य समस्याओं के कारण
राहु की महादशा में स्वास्थ्य समस्याएं कई कारणों से उत्पन्न होती हैं। सबसे प्रमुख कारण है मानसिक दबाव होता है. राहु का प्रभाव व्यक्ति के दिमाग को भटकाता है और उसे अनावश्यक चिंताओं में डाल देता है. यह तनाव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. इसके अलावा, इस अवधि में व्यक्ति गलत जीवनशैली अपनाने की ओर प्रवृत्त हो सकता है, जैसे अनियमित खान-पान, देर रात तक जागना या अस्वास्थ्यकर आदतें हो सकती हैं.
राहु का संबंध नकारात्मक ऊर्जा और छल से भी होता है. यह ऊर्जा व्यक्ति के आसपास के वातावरण और उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है. यदि कुंडली में राहु की स्थिति कमजोर हो या वह अन्य अशुभ ग्रहों के साथ युति में हो, तो स्वास्थ्य समस्याएं और गंभीर हो सकती हैं. इसके अलावा, राहु की महादशा में व्यक्ति का आत्मविश्वास कम हो सकता है, जिसके कारण वह अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाता है.
राहु की महादशा में स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने के उपाय
राहु की महादशा में स्वास्थ्य समस्याओं से बचने और इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कई प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं. ये उपाय ज्योतिषीय, आध्यात्मिक और जीवनशैली से संबंधित हैं, जो संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं.
क्या हैं ज्योतिषीय उपाय?
राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिषीय उपाय बहुत प्रभावी हैं. प्रतिदिन ‘ॐ रां राहवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करने से राहु की अशुभता कम होती है. यह जाप शांत और एकांत स्थान पर करना चाहिए, ताकि मन एकाग्र रहे. इसके अलावा, राहु यंत्र को घर में स्थापित कर उसकी नियमित पूजा करने से भी राहु का प्रभाव शांत होता है. शनिवार के दिन काले तिल, काला कपड़ा या तेल का दान करना भी लाभकारी है, क्योंकि राहु का संबंध शनि से होता है. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से भी राहु का नकारात्मक प्रभाव कम होता है, क्योंकि हनुमान जी की कृपा से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं.
जीवनशैली में बदलाव
स्वस्थ जीवनशैली अपनाना राहु की महादशा में बहुत जरूरी है. संतुलित और सात्विक आहार लेना चाहिए, जिसमें ताजा फल, सब्जियां और हल्का भोजन शामिल हो. तीखा, तला हुआ और जंक फूड से बचना चाहिए, क्योंकि ये पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं. नियमित व्यायाम, विशेष रूप से योग और प्राणायाम, जैसे अनुलोम-विलोम और भ्रामरी, मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं. पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है, क्योंकि नींद की कमी से मानसिक तनाव बढ़ता है. रोजाना 10-15 मिनट ध्यान करने से राहु के कारण होने वाला भ्रम और तनाव कम होता है.
आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपाय
आयुर्वेदिक उपाय भी राहु की महादशा में स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक हैं. हल्दी का उपयोग त्वचा और पाचन तंत्र के लिए लाभकारी है. हल्दी वाला दूध पीने से शरीर की विषाक्तता कम होती है और त्वचा रोगों में राहत मिलती है. नीम की पत्तियों का काढ़ा या नीम युक्त साबुन का उपयोग त्वचा रोगों को ठीक करने में मदद करता है. पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा, आंवले का रस या चूर्ण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे संक्रामक रोगों से बचाव होता है।
अपनाएं ये आध्यात्मिक उपाय
आध्यात्मिक उपाय राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यदि संभव हो, तो गंगा नदी में स्नान करें या गंगाजल से स्नान करें, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है. भैरव मंदिर या दुर्गा मंदिर में नियमित दर्शन करने से भी राहु का प्रभाव कम होता है. शनिवार या एकादशी का व्रत रखना भी लाभकारी है, क्योंकि यह आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है. इन उपायों से मन को शांति मिलती है और राहु की अशुभता कम होती है.
जरूर लें चिकित्सकीय सलाह
यदि स्वास्थ्य समस्याएं गंभीर हों, तो तुरंत किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. नियमित स्वास्थ्य जांच, विशेष रूप से त्वचा, पाचन तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित, करवानी चाहिए. यदि व्यक्ति को नशे या लत की समस्या हो, तो विशेषज्ञ की मदद लेना जरूरी है. चिकित्सीय सलाह के साथ ज्योतिषीय और आध्यात्मिक उपायों का संयोजन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है.
बरतें ये सावधानियां
राहु की महादशा में कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है. कोई भी नया कार्य शुरू करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें, ताकि राहु के प्रभाव को समझा जा सके. नकारात्मक लोगों और वातावरण से दूर रहें, क्योंकि राहु का प्रभाव नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है. अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाएं, क्योंकि राहु का प्रभाव हर व्यक्ति पर उनकी कुंडली के आधार पर अलग-अलग होता है. गलत आदतों, जैसे नशा या अस्वास्थ्यकर खान-पान से बचें.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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