डिस्क्लेमर : यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र और सामान्य जानकारी पर आधारित है और केवल सूचनाओं के लिए दी गई है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के जानकार से जरूर सलाह लें।
Pitru Paksha 2023: सनातन धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है। पितृ पक्ष के 15 दिनों की अवधि में पितरों को प्रसन्न करने के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध किए जाते हैं। पौराणिक मान्यता कि पतरों के वंशज यदि पितृ पक्ष में उनके निमित्त श्राद्ध कर्म, तर्पण और पिंडदान करते हैं तो उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इसके साथ ही पितर देव प्रसन्न होकर अपने वंशजों को हमेशा खुशहाल रखते हैं। शास्त्रों के मुताबिक पितृ पक्ष के दौरान तुलसी के पास गंगाजल रखने से पतरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं पितृ पक्ष में तुलसी के पास गंगाजल रखने से और क्या-क्या लाभ बताए गए हैं।
कब से शुरू हो रहे हैं पितृ पक्ष | Pitru Paksha Dates 2023
हिंदी पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से शुरू होते हैं। जबकि पितृ पक्ष का समापन आश्विन मास की अमास्या के दिन होता है। दृक पंचांग के मुताबिक, इस साल पितृ पक्ष 27 सितंबर से शुरू हो रहा है। वहीं पितृ पक्ष का समापन 14 अक्टूबर 2023 को होगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पितरों की सेवा के लिए बेहद खास हैं।
पितृ पक्ष में गंगाजल के उपाय | Remedies of Gangajal in Pitru Paksha
पुराणों के मुताबिक, पितृ पक्ष के दौरान तुलसी के पास एक कटोरा रख दें और फिर हाथ में गंगाजल लेकर पितरों का नाम और बाबा विश्वनाथ का नाम लेते हुए धीरे-धीरे कटोरी में गंगाजल गिराएं। इतना करने के बाद हाथ जोड़कर पितृ देव और बाबा विश्वनाथ को नमन करें। इसके बाद उस गंगाजल को पूरे घर में छिड़क दें। मान्यता है कि पितृ पक्ष में इस उपाय को करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती हैं। मान्यता यह भी है कि ऐसा करने के बाद पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण करने की आवश्यकता पड़ती। इसके अलावा गंगाजल के उस उपाय से पितरों को मोक्ष की प्राप्त होती है। साथ ही उस उपाय को करने से पितृ दोष भी दूर होते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान कब ना करें ये उपाय
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, गंगाजल के इस उपाय को पितृ पक्ष के दौरान कभी भी किया जा सकता है। हालांकि विद्वानों के मुताबिक इस उपाय को रविवार या एकादशी के दिन करने से बचना चाहिए।