Dwadashi Shradh Date, Time, Shubh Muhurat, Vidhi: श्राद्ध पक्ष का द्वादशी श्राद्ध उन मृतक परिजनों के लिए किया जाता है, जिनकी मृत्यु द्वादशी तिथि पर हुई हो। इस दिन शुक्ल और कृष्ण दोनों की पक्षों की द्वदशी तिथि का श्राद्ध किया जा सकता है। इसके अलावा द्वदशा का श्राद्ध उन हुतात्माओं के लिए भी किया जाता है, जिन्होंने मृत्यु से पहले सन्यास ग्रहण कर लिया हो। पितृ पक्ष 2023 में द्वादशी श्राद्ध बुधवार 11 अक्टूबर को किया जाएगा। दिन पितरों के निमित्त तर्पण और दान की परंपरा है। आइए जानते हैं द्वादशी श्राद्ध के लिए सही समय, शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में।
द्वादशी श्राद्ध 2023 समय और शुभ मुहूर्त
द्वादशी श्राद्ध बुधवार- अक्टूबर 11, 2023
कुतुप मूहूर्त – 12:02 पी. एम से 12:49 पी. एम
अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स
रौहिण मूहूर्त – 12:49 पी. एम से 01:36 पी. एम
अवधि – 00 घण्टे 47 मिनट्स
अपराह्न काल – 01:36 पी. एम से 03:57 पी. एम
अवधि – 02 घण्टे 22 मिनट्स
द्वादशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 10, 2023 को 03:08 पी एम बजे
द्वादशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 11, 2023 को 05:37 पी एम बजे
द्वादशी श्राद्ध विधि
पितृ पक्ष में द्वादशी श्राद्ध कर्म करते समय पितरों को सही विधि के साथ जल अर्पित करना चाहिए। तभी उनकी आत्मा तृप्त होती है। ऐसे में द्वदशी श्राद्ध के दिन पितरों के निमित्त, तिल के तेल का दीपक जलाएं, सुगंधित धूप जलाएं, जल में मिश्री और तिल मिलाकर तर्पण करें।
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्वादशी श्राद्ध के अवसर पर दान-पुण्य के साथ पितरों के निमित्त भागवत गीता के दसवें अध्याय का पाठ करें। इसके साथ ही श्राद्धकर्म के बाद दस ब्राह्मणों को इस दिन भोजन कराएं। अगर आप दस ब्राह्मणों को भोजन नहीं खिला पा रहे तो कम से कम एक ब्राह्मण को जरूर भोजन कराएं। इसके अलावा इस दिन कौआ, गाय, कुत्ता और चींटियों के लिए भी भोजन निकालें और अपने हाथों से उन्हें खिलाएं। द्वादशी श्राद्ध के दिन अन्न और धन का दान जरूरतमंदों को करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।