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Raksha Bandhan 2022: भद्रा के बीच कई जगहों पर लोग आज मना रहे हैं रक्षाबंधन, जानें शुभ मुहूर्त

Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन की तिथि को लेकर असमंजस के बीच कई जगहों पर आज भाई बहन का यह पावन पर्व मनाया जा रहा है। वहीं कई जगहों पर लोग कल इस पर्व को मनाने की बात कह रहे हैं। दरअसल रक्षा बंधन का पर्व सावन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Aug 11, 2022 10:18
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Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन की तिथि को लेकर असमंजस के बीच कई जगहों पर आज भाई बहन का यह पावन पर्व मनाया जा रहा है। वहीं कई जगहों पर लोग कल इस पर्व को मनाने की बात कह रहे हैं। दरअसल रक्षा बंधन का पर्व सावन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है।

दरअसल इस सावन मास की पूर्णिमा तिथि का आरंभ आज सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर और 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगा। लेकिन सुबह से ही भद्रा काल शुरू हो जाएगा, जो रात 08 बजकर 51 मिनट पर जाकर समाप्त होगा।

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आपको बता दें कि भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष जानकारों के मुताबिक आज भद्रा काल यानी दिन में भाइयों की कलाई पर राखी बांधना शुभ नहीं रहेगा। इसके बाद राखी का त्योहार मनाया जा सकता है, ऐसे में 12 अगस्त को सुबह 7 बजे तक पूर्णिमा तिथि होने के कारण कुछ लोग 12 अगस्त को राखी मनाने की सोच रहे हैं। दरअसल रात को भाइयों को राखी नहीं बांधी जाती। इसलिए 12 अगस्त को ही राखी बांधना शुभ माना जा रहा है। 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से पहले भाइयों को राखी बांधी जा सकती है।

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

इस बीच ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं रहेगा, लेकिन कुछ विद्वानों का मत ये भी है कि अभिजीत मुहूर्त, पूंछ भद्रा और अमृत काल में रक्षा सूत्र बांधा जा सकता है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.06 से 12.57 तक रहेगा। वहीं पूंछ भद्रा 17.17 मिनट से 18.18 मिनट तक रहेगी। जबकि अमृत काल शाम 06.55 से रात 08.20 मिनट तक रहेगा। इस दौरान राखी बांधना शुभ रहेगा।

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प्रदोष काल में बांध सकते हैं राखी

धर्म शास्त्र के मुताबिक किसी भी तरह का शुभ कार्य या पूजा करने के लिए प्रदोषकाल को सबसे अच्छा समय होता है। प्रदोष काल का मतलब सूर्यास्त के बाद करीब ढाई घंटे का समय सबसे शुभ होता है। प्रदोष काल में भी सभी तरह के शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने का विशेष विधान होता है। ऐसे में 11 अगस्त को प्रदोष काल के शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जा सकती है।

पालात लोग में रहेगा भद्रा

वहीं कुछ ज्योतिष शास्त्रियों का कहना है कि भद्रा नक्षत्र पूरे साल में तीनों लोक यानी पाताल लोक, स्वर्ग लोक और मर्त्य लोक में भ्रमण करता है। मर्त्य लोक यानी जिस लोक में जिसमें पृथ्वी है। अगर भाद्र नक्षत्र मर्त्य लोक में रहता है तो अशुभ माना जाता है। ऐसी स्थिति में भाद्र नक्षत्र होने पर कोई भी कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन अगर भाद्र नक्षत्र स्वर्ग लोक में है तो वह शुभकारी माना जाता है। अगर भाद्र नक्षत्र पाताल लोक में है तो भी लाभदायक ही होता है। इन लोगों को कहना है कि 11 अगस्त को भाद्र नक्षत्र जो प्रवेश कर रहा है वह पाताल लोक में स्थित है, इसलिए उस दिन भाद्र नक्षत्र प्रवेश पर कोई खतरा नहीं है। रक्षाबंधन करने वाले या कोई भी शुभ कार्य करने वाले के लिए कोई हानि नहीं है।

इसके साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि 12 अगस्त को सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि रहेगी, इसलिए उस पूरे दिन पूर्णिमा तिथि का वास माना जाएगा। ऐसे में इस दिन भाई बहन पूरे दिन रक्षाबंधन का त्योहार मना सकते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। न्यूज 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)

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Written By

Pankaj Mishra

First published on: Aug 11, 2022 05:45 AM

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