Padmini Ekadashi Vrat: सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है। इस बार सावन अधिक मास में आ रहा है, ऐसे में इस बार की पद्मिनी एकादशी अपने आप में बहुत विशेष बन गई है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास से जानिए कि पद्मिनी एकादशी क्यों विशेष है, कब आएगी और इसका व्रत करने से क्या लाभ होता है।
कब है पद्मिनी एकादशी मुहूर्त
अधिकमास शुक्ल एकादशी तिथि का आरंभ – 28 जुलाई 2023 (शुक्रवार), दोपहर 2.51 बजे
अधिकमास शुक्ल एकादशी तिथि का समापन – 29 जुलाई 2023 (शनिवार), दोपहर 1.05 बजे
एकादशी व्रत का पारण करने का समय – 30 जुलाई 2023 (रविवार) को सुबह 5.41 बजे से 8.24 बजे तक
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क्या है पद्मिनी एकादशी का महत्व
शास्त्रों में कहा गया है कि इस एकादशी का व्रत गौ दान के समान पुण्य देने वाला है। इस व्रत को करने वाले भक्तों को मृत्यु पश्चात यमलोक नहीं जाना पड़ता और वह भगवान विष्णु के बैकुंठ धाम में निवास करता है। ऐसे भक्तों पर सदैव मां लक्ष्मी की कृपा रहती है और उसके घर के सब भंडार भरे रहते हैं।
कैसे करें पद्मिनी एकादशी का व्रत
शास्त्रों में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित की गई है, अतः इस दिन उन्हीं की आराधना की जाती है। सुबह जल्दी उठ कर शुभ मुहूर्त में अपने घर के पूजास्थल अथवा किसी विष्णु मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए। वहां पर मां लक्ष्मी सहित श्रीहरि की पूजा करें। उन्हें धूप, दीप, पुष्प, माला, पीला चंदन, रौली, मौली, अक्षत, प्रसाद आदि अर्पित करें।
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भगवान को प्रसाद के रूप में केवल फलाहार ही अर्पित करना चाहिए। भगवान की आरती कर प्रसाद सभी को बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें। इस दिन अन्न, नमक का त्याग करें और ब्रह्मचर्य के साथ रहते हुए भक्तिभाव के साथ द्वादशाक्षर मंत्र का जप करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।