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सुख-समृद्धि की देवी हैं मां कात्यायनी, आज ऐसे करें इनकी पूजा, जानें विधि, मंत्र भोग, शुभ रंग और आरती

Navratri 2023 Day 6 Katyayani Puja: आज नवरात्रि का छठा दिन है। ऐसे में आज मां कात्यायिनी की पूजा की जाएगी। आइए जानते हैं मां कात्यायिनी की पूजा-विधि,मंत्र, आरती, भोग और शुभ रंग।

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Oct 20, 2023 07:50
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Navratri 2023 Day 6 Katyayani Puja

Navratri 2023 Day 6 Katyayani Puja Mantra Bhoj Aarti: आज शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। मान्यतानुसार, नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप माता कात्यायिनी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि माता कात्यायनी को ऋिषि की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा। ऐसे में मान्यता है यह है कि जो भक्त सच्चे मन और हृदय से मां कात्यायनी की पूजा करता है, माता रानी उसके सभी रोग और दोष दूर कर देती हैं। इसके साथ ही भक्तों के घर को सुख-समृद्धि से भर देती हैं।

 

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मां कात्यायनी का स्वरूप

मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं, जिनमें अस्त्र और शस्त्र मौजूद हैं। देवी के इस स्वरूप का वाहन सिंह है। मां कात्यायनी ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी मानी गई हैं। पौराणिक मान्यता है कि गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी। ऐसे में मान्यता है कि अगर विवाह के इच्छुक लोग यदि विधि पूर्वक मां की उपासना करते हैं, तो उन्हें जल्द ही शुभ समचार प्राप्त होता है। यानी मां कात्यायिनी की कृपा से वैवाहिक जीवन की समस्या दूर होती है। यह वजह है कि विवाह संबंधी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक होती है, योग्य और मनचाहा पति इनकी कृपा से प्राप्त होता है। ज्योतिष में बृहस्पति का सम्बन्ध इनसे माना जाता है।

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मां कात्यायनी पूजन विधि

मां कात्यायिनी की पूजा में पीले रंग का खास महत्व है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायिनी की पूजा में पीले रंग का प्रयोग करना शुभ होता है। ऐसे में आज मां कात्यायिनी की पूजा के दौरान सबसे पहले कलश देवता अर्थात् भगवान गणेश का विधिवत पूजन करें। साथ ही भगवान गणेश को फूल, अक्षत, रोली, चंदन अर्पित कर उन्हें दूध, दही, शर्करा, घृत व मधु से स्नान कराएं। देवी को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद को पहले भगवान गणेश को भी भोग लगाएं। प्रसाद के बाद आचमन और फिर पान, सुपारी भेंट करें। फिर कलश देवता का पूजन करने के बाद नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता की पूजा भी करें। इन सबकी पूजा करने के बाद ही मां कात्यायनी का पूजन शुरू करें। इसके लिए सबसे पहले अपने हाथ में एक फूल लेकर मां कात्यायनी का ध्यान करें। इसके बाद मां कात्यायनी का पंचोपचार पूजन कर, उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें। पूजन के अंत में मां के समक्ष घी अथवा कपूर जलाकर आरती करें। अंत में मां के मन्त्रों का उच्चारण करें। ध्यान रहे कि मां कात्यायिनी को पीले रंग की वस्तुओं का भोग लगाना शुभ माना गया है। ऐसे में आज माता को पीली वस्तुओं का भोग लगाएं।

माता कात्यायनी के मंत्र

कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ।

नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ॥

ॐ ह्रीं कात्यायन्यै स्वाहा, ह्रीं श्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ॥

हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया ।

तथा मां कुरु कल्याणि कान्तकातां सुदुर्लभाम ॥

मां कात्यायनी का बीज मंत्र:

क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।

मां कात्यायनी के लिए प्रार्थना मंत्र

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।

कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

मां कात्यायनी का स्तुति मंत्र:

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कात्यायनी की आरती

जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।

जय जगमाता, जग की महारानी।

बैजनाथ स्थान तुम्हारा।

वहां वरदाती नाम पुकारा।

कई नाम हैं, कई धाम हैं।

यह स्थान भी तो सुखधाम है।

हर मंदिर में जोत तुम्हारी।

कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।

हर जगह उत्सव होते रहते।

हर मंदिर में भक्त हैं कहते।

कात्यायनी रक्षक काया की।

ग्रंथि काटे मोह माया की।

झूठे मोह से छुड़ाने वाली।

अपना नाम जपाने वाली।

बृहस्पतिवार को पूजा करियो।

ध्यान कात्यायनी का धरियो।

हर संकट को दूर करेगी।

भंडारे भरपूर करेगी।

जो भी मां को भक्त पुकारे।

कात्यायनी सब कष्ट निवारे।

डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Edited By

Dipesh Thakur

First published on: Oct 20, 2023 07:13 AM

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