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मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन पड़ रहे हैं कौन-कौन से पर्व? क्या है उनकी मान्यता

Margashirsha month 2023: दृक पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि के दिन कई व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं। आइए व्रत-त्योहारों की पूरी सूची और उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Author Edited By : Raghvendra Tiwari Updated: Dec 25, 2023 21:02

Margashirsha month 2023: हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष महीने का बेहद खास महत्व है। मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि के दिन कई सारे पर्व-त्योहार पड़ते हैं, जिनका अपना अलग-अलग महत्व है। ऐसे में आज इस खबर में जानेंगे कि मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि के दिन कौन-कौन से पर्व-त्योहार और जयंतियां पड़ रही हैं। साथ ही उन सभी व्रत-त्योहारों के बारे में भी विस्तार से जानेंगे…

मार्गशीर्ष माह के पूर्णिमा तिथि के दिन व्रत-त्योहारों की सूची

1. दत्तात्रेय जयंती
2. अन्नपूर्णा जयंती
3. त्रिपुर भैरवी जयंती
4. मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा व्रत
5. मार्गशीर्ष पूर्णिमा
6. अन्वाधान

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व्रत-त्योहार का विस्तार

दत्तात्रेय जयंती- हिंदू पंचांग के अनुसार, दत्तात्रेय जयंती मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। मान्यता है कि दत्तात्रेय जयंती के दिन भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा के स्वरूप दत्तात्रेय भगवान की विधि-विधान से पूजा होती है।

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अन्नपूर्णा जयंती- हिंदू पंचांग के अनुसार, अन्नपूर्णा जयंती के दिन मां अन्नपूर्णा देवी की पूजा होती है। यह पर्व प्रत्येक साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। जो जातक इस दिन मां अन्नपूर्णा की विधि-विधान से पूजा करते हैं, उनके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती।

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त्रिपुर भैरवी जयंती- दुर्गा सप्तशती के अनुसार, मां त्रिपुर भैरवी महाकाली का स्वरूप है। यह 10 महाविद्याओं में छठे स्थान पर है। मान्यता है कि जो जातक इस दिन त्रिपुर भैरवी माता की पूजा करते हैं, उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत- हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि के दिन जो जातक व्रत रखते हैं, उन्हें भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का बहुत ही ज्यादा महत्व है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा- मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि बेहद ही शुभ मानी गई है। मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है।

अन्वाधान- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अन्वाधान वैष्णव सम्प्रदाय के लिए बेहद शुभ दिन होता है। यह महीने में 2 बार आता है। पहला कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि और दूसरा शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Dec 25, 2023 09:02 PM

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