Karwa Chauth 2023: करवा चौथ का पावन पर्व आज है। करवा चौथ का त्योहार कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में करवा चौथ व्रत का खास महत्व है। करवा चौथ के व्रत महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। हिन्दू धर्म में करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
करवा चौथ व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने वाला पर्व माना जाता है। इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है और इनकी पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।
अखंड सौभाग्य का व्रत करवा चौथ
महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का व्रत करवा चौथ हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को पड़ने वाला संकष्ठी श्री गणेश करक चतुर्थी व्रत को करवा चौथ व्रत भी कहा जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी पति लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं।
करवा चौथ पर बन रहा है दुर्लभ संयोग
इस साल करवा चौथ पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। करवा चौथ पर इस साल सर्वार्थ सिद्धी योग बन रहा है। करवा चौथ व्रत के दिन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग से हो रही है। इसके साथ ही इस दिन शुक्र और बुध के एक ही राशि कन्या में रहने से लक्ष्मी नारायण योग बना रहा है। जबकि बुध और सूर्य भी एक ही राशि में रहकर बुधादित्य योग बनाएंगे। वहीं शनि स्वराशि मकर और गुरु स्वराशि मीन में रहेंगे। साथ ही चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे। कुल मिलाकर ये सभी ग्रह मिलकर बेहद शुभ स्थितियां बना रहे हैं। लिहाजा ऐसी शुभ स्थिति में की गई पूजा-पाठ पति-पत्नी के लिए सौभाग्य लाएगी।
यह भी पढ़ें: 100 साल बाद करवा चौथ पर दुर्लभ संयोग! 3 राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, हाथ लगेगा बड़ा खजाना
करवा चौथ पूजा विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi)
- सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं। सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करने के बाद भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें।
- करवा चौथ में महिलाएं पूरे दिन जल-अन्न कुछ ग्रहण नहीं करतीं फिर शाम के समय चांद को देखने के बाद दर्शन कर व्रत खोलती हैं।
- पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवे रखें।
- एक थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं।
- पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरू कर देनी चाहिए। इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर पूजा करती हैं।
- पूजन के समय करवा चौथ कथा जरूर सुनें या सुनाएं।
- चांद को छलनी से देखने के बाद अर्घ्य देकर चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए।
- चांद को देखने के बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए।
- इस दिन बहुएं अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रुपए आदि देकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लेती हैं।
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।