कालसर्प दोष क्या है?
कालसर्प दोष मुख्य रूप से राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से उत्पन्न होता है। जब कुंडली में शुभ ग्रहों का राहु-केतु की छाया पड़ती है तो इससे जातक के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कालसर्प दोष की वजह से जातक को जीवन के तमाम क्षेत्रों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।कालसर्प दोष के उपाय
कुंडली के कालसर्प दोष को दूर करने के लिए पूजा करानी चाहिए। कालसर्प दोष की शांति के लिए किसी जानकार पंडित से संपर्क करना चाहिए। काल सर्प दोष को दूर करने के लिए उज्जैन का सिद्धवट मंदिर, नासिक का त्र्यंबकेश्वर मंदिर और आंद्रप्रदेश का कालसस्ती मंदिर प्रसिद्ध है। जहां कालसर्प दोष की शांति करवाई जा सकती है। कालसर्प दोष को दूर करने के लिए रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान चालीसा के पाठ से भी कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है। कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन महा मृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। सोमवार को रुद्राभिषेक करने से भी काल सर्प दोष से राहत मिलती है। हालांकि रुद्राभिषेक कराने के लिए किसी अच्छे पंडित या जानकार के पास जाना चाहिए। कालसर्प दोष को दूर करने के लिए एक आसान उपाय यह भी है कि पानी वाले नारियल को लेकर अपने सिर से एंटी कलॉक वाइज घुमाकर किसी नदी में बहा दें। मान्यता है ऐसा करने से कालसर्प दोष का असर कम होता है। यह भी पढ़ें: शनि देव को प्रसन्न करने के आसान उपाय
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।