Jyotish Shastra Suryasanan Importance : स्नान तो हम सभी लोग प्रतिदिन करते हैं। वहीं शास्त्रों में स्नान को लेकर भी कई प्रकार के नियम बताए गए हैं। क्योंकि व्यक्ति का स्नान करने का तरीका भी उसके घर और परिवार में बरकत लाने में सहायक होता है। वहीं अगर आप शास्त्रोंक्त विधि से स्नान नहीं करते हैं तो आपके घर-परिवार में परेशानियां आ सकती हैं और आप बीमारियों से घिर सकते हैं। इसीलिए शास्त्रों में व्यक्ति के स्वास्थ्य के साथ-साथ उसके घर की समृद्धि का ध्यान करते हुए स्नान के बारे में भी विस्तार से बताया है। तो आइए जानते हैं कि व्यक्ति को सूर्य स्नान क्यों करना चाहिए और सूर्योदय के पश्चात किस विशेष परिस्थिति में ही स्नान करना चाहिए।
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उज्जैन स्थित अवंतिका तीर्थ के पुरोहित पंडित शिवम जोशी ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त की बेला में किया गया स्नान व्यक्ति के लिए बहुत ही शुभ रहता है और उसे सूर्यदेव के साथ-साथ कई देवों का भी आशीर्वाद मिलता है। क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त में सभी देवता वातावरण में विचरण करते हैं।
वहीं सूर्यदेव को सेहत का भी कारक ग्रह ज्योतिष में बताया गया है। मान्यता है कि सूर्योदय के दौरान सूर्य से निकलने वाली किरणों में रोगप्रतिरोधक शक्ति समाहित होती है। इसीलिए सूर्योदय या उसके पूर्व किए गए स्नान को ही शुभ माना जाता है।
क्योंकि सूर्य की रोगनाशनी शक्ति को संसार में सबसे शक्तिशाली औषधि बताया जाता है। कहा जाता है कि सूर्य की सुबह की किरणों में जो शक्ति होती है, वह शक्ति संसार की किसी भी दवाई में नहीं होती है।
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वहीं अगर हम सूर्योदय के पश्चात स्नान करते हैं तो हमारा पाचनतंत्र तो खराब होता ही है, इसके साथ ही हमें कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। इसीलिए शास्त्रों में केवल कुछ ही स्थितियों में सूर्योदय के पश्चात स्नान करने को मान्यता दी गई है।
ज्योतिष की मानें तो सूर्योदय के पश्चात केवल स्नान तभी किया जा सकता है जब आपने अपने बाल कटवाए हों अथवा आप किसी मृतक व्यक्ति के पास से आए हों। वहीं रात्रि में स्नान को ज्योतिष में बिलकुल निषेद्य माना जाता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।