Saraswati Temple: यूं तो मंदिर में घंटी और नगाड़ा आदि वाद्य बजाना शुभ माना जाता है, परन्तु क्या आप जानते हैं कि एक मंदिर ऐसा भी है जहां इनके बजाए जाने पर पूरी तरह रोक है। जी हां, ऐसा सचमुच में होता है। देश के प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज BITS में मां सरस्वती का एक मंदिर बना हुआ है। राजस्थान के पिलानी जिले में स्थित बिट्स कॉलेज के कैंपस में बने इस मंदिर में कभी भी घंटी या अन्य कोई वाद्य यंत्र नहीं बजाया जाता है।
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इसलिए कॉलेज कैंपस में बनवाया गया था मंदिर
बिट्स की स्थापना बिड़ला परिवार ने की थी। तब शेखावाटी के प्रसिद्ध संत बावलिया बाबा ने कॉलेज कैम्पस का दक्षिणमुखी होना अशुभ बताया था। उन्होंने इस दोष के निवारण के लिए बिरला परिवार को कॉलेज कैंपस के ठीक सामने सरस्वती का मंदिर बनाने की सलाह दी। इस सलाह को मानते हुए बिड़ला परिवार ने सरस्वती मंदिर का निर्माण करवाया था।
खजुराहो की तर्ज पर बना है, 1267 महापुरुषों की प्रतिमाएं हैं
इस सरस्वती मंदिर को पूरी तरह खजुराहो के मंदिरों की तर्ज पर बनाया गया है। मंदिर में शिखर के चारों ओर देश के 1267 महापुरुषों की प्रतिमाओं का निर्माण किया गया है। इन महापुरुषों में महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, आर्यभट्ट, होमी जहांगीर भाभा, मैडम क्यूरी सहित देश-विदेश के अनेकों विद्वान शामिल हैं।
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मंदिर (Saraswati Temple) से जुड़े आश्चर्यजनक तथ्य
- इस मंदिर का निर्माण मकराना के सफेद मार्बल से किया गया है। मंदिर का कुल क्षेत्रफल लगभग 25 हजार वर्ग फीट है।
- मंदिर में स्थापित मां सरस्वती की प्रतिमा खड़े स्वरूप में है। इसे कोलकाता से विशेष ऑर्डर देकर बनवाया गया था।
- मंदिर में कभी भी घंटी या अन्य कोई वाद्य यंत्र नहीं बजाया जाता है। बल्कि यहां पर एक विंड चाइम है, जिसे बहुत खास मौकों पर बजाए जाने का रिवाज है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।