Magh Gupt Navatri Upay: माघ गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की उपासना की जाती है। परंपरा के अनुसार, एक साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती हैं। जिनमें से दो समान्य और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। मान्यतानुसार, गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या की उपासना भी की जाती है। पंचांग के अनुसार, 2024 में माघ गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी यानी कल से शुरू होकर 18 फरवरी तक चलेगी। माघ गुप्त नवरात्रि पर घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त क्या है? इस दौरान क्या करें और क्या नहीं और गुप्त नवरात्रि के खास उपाय क्या हैं? जानिए।
माघ गुप्त नवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी से होगी। घटस्थापना इसी दिन गया जाएगा। घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 45 मिनट से लेकर 10 बजकर 10 मिनट तक है। वहीं घटस्थापना के दिन अभिजित महूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 58 मिनट तक है।
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माघ गुप्त नवरात्रि में क्या करें
माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की उपासना करनी चाहिए।
मान्यता है कि इस दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से मनोकामना पूरी होती है।
भक्त मनोकामना पूर्ति के लिए इस दौरान दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं।
मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए ये दोनों उपाय बेहद खास माने गए हैं। ऐसे में अगर संभव हो तो दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
अगर इतना भी नहीं कर सकते हैं तो मां दुर्गा के 21 नामों का पाठ कर लें। जगदंबा की कृपा प्राप्त होगी।
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माघ गुप्त नवरात्रि में क्या ना करें
मां दुर्गा के भक्त गुप्त नवरात्रि में 9 दिनों तक व्रत रखते हैं। ऐसे में व्रत के दौरान नमक का सेवन ना करें।
अगर संकल्प लेकर माता की उपासना करते हैं तो उसे बीच में ना छोड़ें, चाहे जो हो जाएं।
गुप्त नवरात्रि में नॉनवेज और लहसुन-प्याज जैसे तामसिक भोजन ना करें। ऐसा करना व्रत नियम के खिलाफ माना गया है।
नवरात्रि के दौरान किसी को भी अपशब्द ना कहें। सबसे प्यार से बातें करें।
माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी भी महिला और कुंवारी कन्या का अपमान ना करें।
माघ गुप्त नवरात्रि महा उपाय
माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान कम से कम एक आवृत्ति (अर्गला, कील, कवच, शतनाम, शापोद्धार सहित 13 अध्याय तक) का पाठ पाठ करें तो अच्छा रहेगा। अगर ऐसा ना हो सके तो रोजाना चौथे अध्याय का पाठ करें। यदि, इतना करने में भी परेशानी हो तो दुर्गा चालीसा का पाठ करें। साथ ही सुबह-शाम मां दुर्गा की आरती करें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।