Garuda Purana: गरुड़ पुराण में जीवन से लेकर मृत्यु तक सारी बातें बताई गई है। इस पुराण में जीवन से संबंधित सारी बातें बताई गई है। आज के समय में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो स्नान नहीं करता है। स्नान करना व्यक्ति के दैनिक व नित्य क्रियाओं में शामिल होता है। लेकिन क्या आपको पता है रोज स्नान करना क्यों जरूरी है। इस बात का जिक्र गरुड़ पुराण किया गया है। तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
गरुड़ पुराण में प्रतिदिन स्नान न करने वाले व्यक्तियों के बारे में बताया गया है। इस पुराण में बताया गया है कि किस व्यक्ति को कब और किस समय स्नान करना चाहिए। जिससे आपका जीवन सुखमय और शांतिपूर्वक बीत सके।
जानें क्यों स्नान करना चाहिए
गरुड़ पुराण सनातन धर्म में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। इस पुराण में स्नान करने के लाभ के बारे में बताया गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जब कोई व्यक्ति रात में सोता है, तो उसके मुख से अपवित्र मल निकलते हैं, जिससे व्यक्ति का पूरा शरीर अपवित्र हो जाता है। ऐसी मान्यता है कि व्यक्ति को प्रातकाल उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए। इसके बाद ही कोई धार्मिक कार्य करना चाहिए।
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो जातक बिना स्नान किए कोई भी धार्मिक कार्य करते हैं, उन्हें शास्त्र में पापी व्यक्ति कहा गया है। ऐसे में कोई व्यक्ति पूजा-पाठ या कोई भी धार्मिक कार्य करते हैं, तो उसका कोई भी फल नहीं मिलता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि ऐसे व्यक्ति के जीवन में सब कुछ रहते हुए भी कष्ट और दुख भोगते रहते हैं।
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इस पुराण में प्रतिदिन स्नान न करने वाले व्यक्ति के बारे में बताया गया है। पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति प्रतिदिन स्नान नहीं करता हैं, उनकी ओर नकारात्मक शक्तियां आकर्षित होती रहती है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि जहां अपवित्रता होती है वहां पर नकारात्मक ऊर्जाओं का वास होते रहता है।
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।