Ganga Saptami 2025 : गंगा सप्तमी का दिन माँ गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा भगीरथ ने अपने 60,000 पूर्वजों के उद्धार के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके फलस्वरूप मां गंगा स्वर्गलोक से भगवान शिव की जटाओं के माध्यम से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं।
वैदिक पंचांग के अनुसार साल 2025 में गंगा सप्तमी 3 मई को मनाई जा रही है। इस दिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 5 बजकर 57 से शुरू होगी। यह अगले दिन 4 मई की सुबह 5 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के कारण यह पर्व 3 मई को मनाया जा रहा है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि मंगल दोष और पितृ दोष जैसे ज्योतिषीय दोषों का प्रभाव भी कम होता है।
गंगा सप्तमी पर दान का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक राशि के लिए कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है, जो ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करने और जीवन में समृद्धि लाने में मदद करता है। आइए जानते हैं कि इस दिन स्नान और दान का शुभ मुहूर्त क्या है और राशि के अनुसार किन चीजों का दान करें।
गंगा सप्तमी पर स्नान और दान का शुभ मुहूर्त
गंगा सप्तमी पर सुबह 10 बजकर 58 से दोपहर 1 बजकर 58 तक स्नान का शुभ मुहूर्त है। इसके साथ ही सुबह 11 बजकर 52 से दोपहर 12 बजकर 45 तक का समय पूजन के लिए शुभ है। सुबह 4 बजकर 13 से पूरे दिन तक आप दान कर सकते हैं।
मेष राशि
तिल, लाल वस्त्र, और गुड़ का दान करें। तिल का दान आर्थिक समस्याओं से राहत दिलाता है। लाल वस्त्र और गुड़ का दान सूर्य और मंगल की ऊर्जा को संतुलित करता है। गंगा स्नान के बाद नीले या काले वस्त्र पहनकर ‘ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिणी नारायणी नमो नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें।
वृषभ राशि
भोजन, धन, और कपड़ों का दान करें। जरूरतमंदों को भोजन और धन का दान करने से वैवाहिक जीवन और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। गंगा स्नान के बाद मां भगवती की पूजा करें और गंगा स्तोत्र का पाठ करें।
मिथुन राशि
सफेद वस्त्र, मूंग दाल, और जल का दान करें। सफेद वस्त्र और मूंग दाल के दान से बौद्धिक क्षमता और संचार कौशल में वृद्धि होती है। जल दान करना सर्वोत्तम पुण्य कार्य माना जाता है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और गंगा जल से स्नान करें।
कर्क राशि
फल, दूध, और चांदी की वस्तुओं का दान करें। दूध और चांदी के दान से मानसिक शांति और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है। शिवलिंग पर दूध अर्पित करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
सिंह राशि
गेहूं, तांबे के बर्तन, और लाल फूल का दान करें। गेहूं और तांबे के दान से सामाजिक प्रतिष्ठा और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है। सूर्य को अर्घ्य दें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
कन्या राशि
भोजन, वस्त्र, और 10 दीपकों का दान करें। भोजन और वस्त्र का दान करने से सामाजिक रिश्ते मजबूत होते हैं और जीवन में समृद्धि आती है। 10 दीपकों का दान भाग्य को प्रबल करता है। ‘नमस्ते विश्वमित्रायै नंदिन्यै ते नमो नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें।
वृश्चिक राशि
गुड़, चना और तांबे की वस्तुओं का दान करें। गुड़ और चना के दान से स्वास्थ्य अच्छा होता हैऔर साहस में वृद्धि होती है। हनुमान चालीसा का पाठ करें और गंगा जल से स्नान करें।
धनु राशि
गंगा जल से भरा तांबे का बर्तन, पीले वस्त्र, और हल्दी का दान करें। गंगा जल और पीले वस्त्र का दान सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं, जिससे आध्यात्मिक और आर्थिक उन्नति होती है। गंगा जल को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखें और गायत्री मंत्र का जाप करें।
मकर राशि
काले उड़द की दाल, कंबल, और तिल के तेल का दान करें। काले उड़द और तिल के तेल का दान शनि के दुष्प्रभाव को कम करता है, जिससे करियर में स्थिरता आती है। शनि मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ का 108 बार जाप करें।
कुंभ राशि
भोजन, सफेद मिठाई, और पुरानी महिलाओं को वस्त्र का दान करें। भोजन और वस्त्र का दान सामाज में सम्मान को बढ़ाता है और शनि की कृपा प्राप्त होती है। माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश, और कार्तिकेय की पूजा करें।
मीन राशि
पंचामृत, जल, और बच्चों को मिठाई का दान करें। पंचामृत का दान और वितरण सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाता है और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। पंचामृत बनाकर परिवार और अन्य लोगों में बांटें, फिर स्वयं ग्रहण करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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