Ram Ravan Story, Why did Lord Shri Ram get Ravana worshiped to achieve victory: अमूमन लोग इस बात से भलिभांति परिचित हैं कि लंका नरेश रावण प्रकांड पंडित और ज्ञानी था। मान्यता है कि शिव भक्त रावण ने भगवान शिव की उपासना करते हुए कई ग्रंथों की रचना भी की। जिसमें से शिवताण्डव स्तोत्र सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय रचना मानी जाती है। कहते हैं कि भगवान राम भलिभांति रावण के ज्ञान को जानते थे। कहते हैं कि लंका पर विजयी प्राप्त करने के से पहले रावण से पूजा करवाई थी। हालांकि आज भी अधिकांश लोग इस बात के अनभिज्ञ हैं। आइए जानते हैं भगवान श्रीराम और रावण से जुड़ी इस कथा के बारे में।
पौराणिक कथा
पौराणि कथा के मुताबिक, रावण महाज्ञानी होने के साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र का भी प्रकांड विद्वान था। कहते हैं कि जब भगवान राम लंकापति रावण से युद्ध के लिए जा रहे थे तो उन्होंने रामेश्वरण में शिवलिंग बनाकर उसका पूजन करने का विचार किया। रामेश्वरम शिवलिंग की पूजा-अर्चना के लिए किसी प्रकांड विद्वान की जरूरत थी। जब प्रभु श्रीराम ने लोगों से विद्वान पंडित के बारे में पूछा तो सभी ने एक स्वर में कहा कि रावण से बड़ा और प्रकांड विद्वान नहीं है। कहते हैं कि यह जानकर भगवान श्रीराम ने शिवजी की पूजा के लिए रावण को निमंत्रण भेजा।
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इस बात को सभी जानते हैं कि रावण प्रकांड विद्वान होने के साथ-साथ भगवान शिव का भी परम भक्त था। ऐसे में रावण शिवजी की भक्त होने के कारण पूजा से इनकार नहीं कर पाया। पौराणिक मान्यता है कि रावण ने रामेश्वरम में आकर शिव पूजन संपन्न कराया था। पूजन की समाप्ति पर प्रभु श्रीराम ने रावण से युद्ध में विजय प्राप्ति का आशीर्वाद मांगा था। हैरान करने वाली बात ये है कि उस दौरान पंडित के तौर पर उपस्थित रावण ने उन्हें ‘विजयी भवः’ का आशीर्वाद भी प्रदान किया था।
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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