chhath puja 2023: सूर्योपाना का चार दिवसीय महापर्व छठ का आज उषा काल में सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो गया। इस चार दिवसीय पर्व को लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व माना गया है। जिसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी के दिन नहाय-खाय के साथ होती है। इसके बाद खरना और संध्याकालीन अर्घ्य होता है। छठ महापर्व के चौथे दिन उषा काल में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय पर्व का समापन होता है। आज यानी 20 नवंबर को उषा काल में सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो गया। आइए देखते हैं सूर्योपासना पर्व के समापन से जुड़ी वीडियो।
#WATCH पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ पूजा के अवसर पर अपने आवास पर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। pic.twitter.com/mLLGRaKFRV
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2023
छठ पर्व का क्या है धार्मिक महत्व
---विज्ञापन---छठ पर्व की परंपरा वैदिक काल से ही चली आ रही है। कई वैदिक ग्रंथों में भी सूर्योपासना का जिक्र मिलता है। महाभारत काल में भी द्रौपदी और पांडवों ने भी छठ का व्रत रखा था। कहते हैं कि जब पांडव जुए में अपना सारा राजपाट हार गए तब द्रौपदी ने छठ व्रत किया था। इस व्रत के प्रभाव और सूर्यदेव की कृपा से पांडवों को फिर से राजपाट मिल गया।
इसके अलावा पौराणिक मान्यतायों के मुताबिक द्रौपदी ने अपने पति युधिष्ठिर और भगवान कृष्ण के साथ महाभारत युद्ध के पहले दिनों में छठ पूजा की थीं।
सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके छठ पर्व की शुरुआत की थी। कहा जाता है कि कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे। वे रोज घंटों पानी में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिय करते थे।
#WATCH | Uttar Pradesh: Devotees give ‘Araghya’ to the rising Sun in Gorakhpur as part of #ChhathPooja pic.twitter.com/L3Fl4biX2C
— ANI (@ANI) November 20, 2023
उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन।#ChhathPooja2023 pic.twitter.com/TfQNdWhzEa
— Dipesh Thakur (@d89thakur) November 20, 2023