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चोटी बांधकर करेंगे ये 5 काम तो मिलेगी सफलता, जानें कब-कब खुली न रखें अपनी शिखा

Chant Sing Benefits Mantra and Importance: शास्त्रीय मान्यता के अनुसार, पुरुषों को कुछ कार्यों को करने से पहले चोटी (शिखा) जरूर बांध लेना चाहिए। आइए जानते हैं कि शिखा बांधन का महत्व, मंत्र और किन 5 धार्मिक कार्यों को करने से पहले चोटी बांध लेना चाहिए।

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Dec 8, 2023 15:28
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How to Chant Sing Benefits Mantra and Importance: मन की शांति और बुद्धि की प्रखरता के लिए भी दैनिक जीवन में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। अधिकांश लोग नियमित तौर पर पूजा-पाठ करते हैं। पूजा के लिए शास्त्रों में कई विधियां बताई गई हैं। महिला और पुरुषों के लिए पूजन की विधि में थोड़ा अन्तर है। पुरुषों के लिए पूजन के विशेष नियम बताए गए हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि अगर पुरुष चोटी रखा हो तो उसे पूजन समेत कुछ कार्यों से पहले जरूर बांध लेना चाहिए। नहीं तो शुभ कर्म का भी फल प्राप्त नहीं होगा। ऐसे में कई लोगों के मन में यह प्रश्न होगा कि उन्होंने चोटी नहीं रखा है तो क्या करें? आपको बता दें कि जिन्होंने चोटी नहीं रखा है, उनके लिए भी शास्त्रों में विधान है। चलिए जानते हैं कि दैनिक पूजा में चोटी बांधना क्यों जरूरी है, अगर चोटी नहीं है तो क्या करें।

धर्म शास्त्रों के अनुसार, कुछ दैनिक कार्यों को बिना चोटी (शिखा) बांधे नहीं करना चाहिए। कर्मकांड की पुस्तक नित्यकर्म पूजा-पद्धति के मुताबिक, व्यक्ति को दान, जप, हवन, संध्या-वंदन से पहले शिखा जरूर बांध लेनी चाहिए। इस बारे में श्लोक है- “स्नाने दाने जपे होमे संध्यायां देवतार्चने, शिखाग्रंथि विना कर्म न कुर्याद् वै कदाचन।”

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चोटी (शिखा) बांधने का मंत्र

चिद्रूपिणि महामाये दिव्यतेजः समन्विते।
तिष्ठ देवि शिखामध्ये तेजोवृद्धि कुरुष्व मे।।

शास्त्रीय नियम के मुताबिक, किसी को शिखा (चोटी) बांधने का मंत्र याद ना हो तो वे गायत्री मंत्र बोलते हुए भी शिखा (चोटी) बांध सकते हैं। मंत्र याद रहते हुए भी शिखा बांधते समय उसका उच्चारण न करना पाप के समान माना गया है।

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अगर शिखा (चोटी) न हो तो क्या करें?

आज के समय कई सनातनी ऐसे हैं जो शिखा नहीं रखते हैं। हालांकि शिखा (चोटी) न रखने के पीछे उनका व्यक्तिगत कारण हो सकता है। ऐसे में अगर कोई चोटी न रखा हो उसके लिए भी शास्त्रों में अलग के विधान बताया गया है। जिनके पास शिखा (चोटी) न हो उस स्थान पर कुश स्पर्श करने का विधान है।

चोटी (शिखा) रखना क्यों है जरूरी?

दरअसल पुरुषों की चोटी का जो स्थान है, वह मस्तिष्क का भी केंद्र है। कहते हैं कि इसी स्थान से मन और बुद्धि समेत शरीर के अन्य अंग नियंत्रित होते हैं। साथ ही चोटी रखने से सहस्त्रार चक्र जाग्रित अवस्था में रहता है। सहस्त्रार चक्र के जाग्रित अवस्था में होने से मन, बुद्धि समेत सभी इंद्रियों पर भी नियंत्रण बना रहता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Dec 08, 2023 03:16 PM

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