Saturday, 20 April, 2024

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Anant Chaturdashi 2022: ‘अनंत धागे’ से पाएं अनंत सुख, यहां जानें- अनंत चतुर्दशी का महत्व

Anant Chaturdashi 2022: श्री हरि विष्णु जगत के पालनहार हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान श्री हरि की उपासना करता है, उसके जीवन से हर दुख, तकलीफ, क्लेश, रोग, संताप, और कष्ट नष्ट हो जाते हैं। अगर आप भी पाना चाहते हैं भगवान विष्णु की असीम कृपा तो 9 […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Sep 7, 2022 15:34
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Anant Chaturdashi 2022: श्री हरि विष्णु जगत के पालनहार हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान श्री हरि की उपासना करता है, उसके जीवन से हर दुख, तकलीफ, क्लेश, रोग, संताप, और कष्ट नष्ट हो जाते हैं। अगर आप भी पाना चाहते हैं भगवान विष्णु की असीम कृपा तो 9 सितंबर का दिन बहुत खास है।

9 सितंबर को अनंत चतुर्दशी है। ऐसी मान्यता भी है कि इस व्रत को 14 सालों तक लगातार करने पर विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। तो चलिए जानते हैं अनंत चतुर्दशी का महत्व, शुभमुहूर्त और पूजा की विधि…

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अनंत चतुर्दशी का महत्‍व (Anant Chaturdashi Importance)

भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रत करके भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ भगवान गणेश का भी विसर्जन किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद अनंत सूत्र बांधा जाता है, इसे अनंत धागा भी कहा जाता है।

ये धागा रेशम या सूत का बना होता है, इस धागे में 14 गांठें लगाने का विधान है। महिलाएं अपने बाएं हाथ और पुरुष दाएं हाथ पर अनंत सूत्र धारण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अनंत सूत्र धारण करने से भगवान विष्णु भक्तों के सभी दुख दूर करते हैं। संतान की उन्नति, परिवार की खुशहाली और धन की कमी को दूर करने के लिए इस दिन व्रत करके विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी किया जाता है।

अनंत चतुर्दशी व्रत और पूजा विधि (Anant Chaturdarshi 2022 Puja Vidhi)

  • सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेकर घर के मंदिर में कलश की स्थापना करें।
  • पूजाघर में स्थापित कलश के साथ भगवान श्री हरि विष्णु की तस्वीर रखें।
  • रेशमी या सूती धागा लेकर उसे कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र तैयार करें।
  • अनंत सूत्र में 14 गांठें लगाकर इसे भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें।
  • अब भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की षोडशोपचार विधि से पूजा शुरू करें।
  • ‘अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।’ मंत्र का जाप करें।
  • पूजन करने के बाद इस अनंत सूत्र को धारण करें।
  • अनंत सूत्र धारण करने के बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं।
  • ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद पूरे परिवार के साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण करें।

अभी पढ़ें इस दिन है अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व, यहां जानें- शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि समेत तमाम जानकारी

पूजा का शुभ मुहूर्त (Anant Chaturdarshi 2022 Subh Muhurat)

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 सितंबर को रात 9 बजकर 2 मिनट से शुरू होगी जो कि 9 सितंबर की शाम 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। इस बार अनंत चतुर्दशी की पूजा अवधि कुल 11 घंटे और 58 मिनट

अनंत चतुर्दशी तिथि आरंभ- 8 सितंबर 2022, शाम 9 बजकर 02 मिनट से

अनंत चतुर्दशी तिथि समाप्त- 9 सितंबर 2022, शाम 6 बजकर 07 मिनट तक

पूजा का मुहुर्त- 9 सितंबर 2022, सुबह 06.10 से शाम 06:07

अनंत पूजा अवधि- 11 घंटे और 58 मिनट

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First published on: Sep 07, 2022 06:25 AM
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