Aaj Ka Panchang 6 March 2025: आज 6 अप्रैल, 2025 को चैत्र माह का चौबीसवां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 12 घंटे 36 मिनट 22 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 11 घंटे 33 मिनट 30 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 6 अप्रैल के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है, जो 6 अप्रैल की 07:22 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। नवमी तिथि एक रिक्ता तिथि है, जिसकी स्वामिनी मां दुर्गा हैं और इस दिन का स्वभाव आक्रामक होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत नहीं है, लेकिन चैत्र माह की इस तिथि को भगवान राम का जन्म होने और नवरात्र कन्या पूजन का दिन होने के कारण बेहद शुभ मानी गई है।
नक्षत्र: आज दिन भर पुष्य नक्षत्र व्याप्त रहेगी, जो पूर्ण रात्रि तक कायम रहेगी। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र शुरू होगी, यह शुभ नक्षत्र नहीं है।
दिन/वार: आज रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है, जिन्हें नवग्रहों का स्वामी माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से विशेष लाभ और फल की प्राप्ति होती है।
योग: आज दिन भर सुकर्मा योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग है और यह 6 अप्रैल की 06:55 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद धृति योग की शुरुआत होगी, यह भी एक शुभ योग है।
इसके साथ ही, आज रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं, जिससे यह दिन खास बन गया है। इस योग की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण: आज बालव 07:19 AM तक बालव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद कौलव करण की शुरुआत होगी, जो 6 अप्रैल की 07:23 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद तैतिल करण की शुरुआत होगी।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 6 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी वे स्वयं हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:34 AM से 05:20 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:57 AM से 06:05 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:58 AM से 12:49 PM
विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:20 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:41 PM से 07:03 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:42 PM से 07:50 PM
अमृत काल: 11:46 PM से 01:26 AM, अप्रैल 07
निशिता मुहूर्त: 12:00 AM, अप्रैल 07 से 12:46 AM, अप्रैल 07
रवि पुष्य योग: यह पूरे दिन व्याप्त रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग: यह पूरे दिन व्याप्त रहेगा।
रवि योग: यह पूरे दिन व्याप्त रहेगा।
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 05:07 PM से 06:42 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 12:24 PM से 01:58 PM
दुर्मुहूर्त काल: 05:01 PM से 05:51 PM
गुलिक काल: 03:33 PM से 05:07 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 01:49 PM से 03:29 PM
6 अप्रैल 2025 के पर्व और त्योहार
आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है और दिन रविवार है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे ग्रहों के स्वामी और धरती पर ऊर्जा और प्रकाश में महान स्रोत भगवान सूर्य को समर्पित माना जाता है। रविवार के दिन सूर्यदेव की उपासना करने से मान-सम्मान, स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है।
रविवार के दिन सूर्यदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। रविवार का व्रत रखने से आत्मसंयम और आंतरिक शुद्धि में वृद्धि होती है। इस दिन दान करने से पुण्य फल मिलता है और सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सुख-समृद्धि तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
राम नवमी: राम नवमी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि भगवान राम के जन्मदिवस ‘रामनवमी’ के रूप में मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में भगवान राम सत्य, धर्म और मर्यादा के प्रतीक माने जाते हैं और ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ के नाम से जाने जाते हैं। मान्यता है कि विधि-विधान से इस दिन भगवान राम की पूजा से भक्त और साधक को सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
स्वामी नारायण जयंती: स्वामी नारायण संप्रदाय के संस्थापक भगवान स्वामी स्वामी नारायण का जन्म 3 अप्रैल 1781 में उत्तर प्रदेश के बस्ती के पास छपिया नामक गांव में हुआ था। हिन्दी तिथि के मुताबिक यह चैत्र शुक्ल नवमी का दिन था। इसलिए हर साल इस तिथि को स्वामी नारायण जयंती मनाई जाती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।
पंचांग के 6 प्रमुख अंग
पंचांग के 6 मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।
तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।
योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।
करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।
पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।