---विज्ञापन---

ज्योतिष

Aaj Ka Panchang: आज रंग पंचमी पर जानिए 19 मार्च के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang: आज 19 मार्च, 2025 को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। आइए जानते हैं, 19 मार्च का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Mar 18, 2025 22:33
Aaj-ka-Panchang-19-March-2025

Aaj Ka Panchang 19 March 2025: आज 19 मार्च, 2025 को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष का पांचवां  दिन है और आज इस माह की पंचमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 12 घंटे 05 मिनट 34 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 11 घंटे 53 मिनट 16 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 19 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?

---विज्ञापन---

आज का पंचांग

तिथि: आज चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है, जो 20 मार्च की 12:36 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि शुरु हो जाएगी। पंचमी तिथि एक पूर्णा तिथि है, जिसके स्वामी नागदेव हैं और इस दिन का स्वभाव लक्ष्मीप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।

नक्षत्र: आज 08:50 PM तक विशाखा नक्षत्र कायम रहेगी। इसके बाद अनुराधा नक्षत्र शुरू होगी। ये दोनों ही नक्षत्र शुभ नक्षत्र हैं।

---विज्ञापन---

दिन/वार: बुधवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन को मुख्य रूप से भगवान गणेश की उपासना के लिए समर्पित माना जाता है। इसके साथ ही, बुधवार को ग्रहों के राजकुमार बुध का दिन भी माना जाता है। इस दिन बुध ग्रह की अनुकूलता और शांति के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और उपाय किए जाते हैं।

योग: आज 04:44 PM तक हर्षण योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग है। इसके बाद वज्र योग की शुरुआत होगी, यह एक अशुभ योग है।

करण: आज 11:24 AM तक कौलव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद तैतिल करण की शुरुआत होगी, जो 20 मार्च की 12:36 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद गर करण की शुरुआत होगी।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।

चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज तुला राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र हैं, लेकिन इस राशि में वे 02:07 PM तक ही रहेंगे और इसके बाद वे वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:51 AM से 05:39 AM

प्रातः सन्ध्या: 05:15 AM से 06:26 AM

अभिजित मुहूर्त: आज अभिजित मुहूर्त का निर्माण नहीं हो रहा है।

विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:18 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:29 PM से 06:53 PM

सायाह्न सन्ध्या: 06:32 PM से 07:43 PM

अमृत काल: 10:57 AM से 12:44 PM

निशिता मुहूर्त: 12:05 AM, मार्च 20 से 12:52 AM, मार्च 20

सर्वार्थ सिद्धि योग: 08:50 PM से 06:25 AM, मार्च 20

अमृत सिद्धि योग: 08:50 PM से 06:25 AM, मार्च 20

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 12:29 PM से 02:00 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 07:57 AM से 09:28 AM

गुलिक काल: 10:58 AM से 12:29 PM

दुर्मुहूर्त काल: 12:05 PM से 12:53 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 01:17 AM, मार्च 20 से 03:04 AM, मार्च 20

14 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार

आज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है और दिन बुधवार है। बुधवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। बुधवार को विघ्नहर्ता गणेश की आराधना अत्यंत शुभ मानी जाती है। उनकी पूजा करने से कामकाज की बाधाएं, जीवन के विघ्न, भय, शारीरिक कष्ट और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इसके साथ ही बुधवार को ग्रहों के राजकुमार बुध देव की पूजा का भी विशेष महत्व है।

रंग पंचमी: चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है, जो होली के पांच दिन बाद आता है। इस दिन इष्ट देवता और कुल देवता के साथ भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण और राधा को लाल या गुलाबी रंग का गुलाल अर्पित करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।

आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं।

पंचांग के 5 प्रमुख अंग

पंचांग के 5 मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं: 

वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।

तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।

नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।

योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।

करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।

शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।

पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Edited By

Shyam Nandan

First published on: Mar 18, 2025 10:33 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें