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ज्योतिष

Aaj Ka Panchang: आज नरसिंह जयंती पर जानिए 11 मई के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang: आज 11 मई, 2025 को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। आइए जानते हैं, 11 मई का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Edited By : Shyamnandan Updated: May 11, 2025 00:48
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Aaj Ka Panchang 11 May 2025: आज 11 मई, 2025 को वैशाख माह का उनतीसवां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 13 घंटे 29 मिनट 40 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 11 घंटे 29 मिनट 40 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का पूर्वार्ध काल है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 11 मई के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि: आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है, जो 11 मई की 08:01 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी। चतुर्दशी तिथि एक रिक्ता तिथि है, जिसके स्वामी भगवान शिव हैं और इसका स्वभाव आक्रामक है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत नहीं है।

नक्षत्र: आज स्वाति नक्षत्र 11 मई की पूर्ण रात्रि तक व्याप्त रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद विशाखा नक्षत्र शुरू होगी, यह भी एक शुभ नक्षत्र है।

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दिन/वार: आज रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है, जिन्हें नवग्रहों का स्वामी माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से विशेष लाभ और फल की प्राप्ति होती है।

योग: आज दिन भर व्यतिपात योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग नहीं है और यह 12 मई की 05:01 AM व्याप्त रहेगी। इसके बाद वरियान योग की शुरुआत होगी, जो कि एक शुभ योग है।

इसके साथ ही, आज रवि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं?

करण: आज 06:46 AM तक गर करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद वणिज करण की शुरुआत होगी, जो 08:01 PM तक तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद विष्टि करण की शुरुआत होगी।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य मेष राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी मंगल हैं।

चन्द्र गोचर: चंद्रमा तुला राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र हैं।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:09 AM से 04:51 AM

प्रातः सन्ध्या: 04:30 AM से 05:33 AM

अभिजित मुहूर्त: 11:51 AM से 12:45 PM

विजय मुहूर्त: 02:33 PM से 03:27 PM

गोधूलि मुहूर्त: 07:01 PM से 07:22 PM

सायाह्न सन्ध्या: 07:03 PM से 08:05 PM

अमृत काल: 08:22 PM से 10:10 PM

निशिता मुहूर्त: 11:56 PM से 12:38 AM, मई 12

रवि योग: 01:27 PM से 05:32 AM, मई 12

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 05:21 PM से 07:03 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 12:18 PM से 01:59 PM

गुलिक काल: 03:40 PM से 05:21 PM

दुर्मुहूर्त काल: 05:15 PM से 06:09 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 09:34 AM से 11:22 AM

भद्रा काल: 08:01 PM से 05:32 AM, मई 12

11 मई 2025 के पर्व और त्योहार

आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है और दिन रविवार है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे ग्रहों के स्वामी और धरती पर ऊर्जा और प्रकाश में महान स्रोत भगवान सूर्य को समर्पित माना जाता है। रविवार के दिन सूर्यदेव की उपासना करने से मान-सम्मान, स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है। 

रविवार के दिन सूर्यदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। रविवार का व्रत रखने से आत्मसंयम और आंतरिक शुद्धि में वृद्धि होती है। इस दिन दान करने से पुण्य फल मिलता है और सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सुख-समृद्धि तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।

नरसिंह जयंती: नरसिंह रूप भगवान विष्णु का चौथा अवतार है। जगत के पालनकर्ता का यह रूप इस बात का प्रतीक है कि जो ईश्वर में अटूट श्रद्धा रखते हैं, उन्हें कोई हानि नहीं पहुंचा सकता है। नरसिंह जयंती पर्व भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार के प्रकट होने की तिथि है, जो वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुई थी। इस तिथि को उन्होंने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए और अत्याचारी असुर हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए यह रूप धारण किया था।

आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।

पंचांग के पांच प्रमुख अंग

पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं: 

वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।

तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।

नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।

योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।

करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।

शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।

पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 10, 2025 10:59 PM

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