Aaj Ka Panchang 16 february 2025: आज 16 फरवरी, 2025 को फाल्गुन माह का चौथा दिन है यानी आज इस माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 13 मिनट 28 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 45 मिनट 39 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 16 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जो 17 फरवरी, 2025 की तारीख शुरू होने के बाद 02:15 AM कायम रहेगी। इसके बाद फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि शुरु हो जाएगी। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है और रिक्ता तिथि वर्ग की इस तिथि का स्वभाव खलप्रद माना गया है, इसलिए यह तिथि अशुभ मानी जाती है।
नक्षत्र: आज पूरे दिन हस्त नक्षत्र व्याप्त रहेगा और यह 17 फरवरी की 04:31 AM तक कायम रहेगा। इसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू होगा। हस्त और चित्रा दोनों नक्षत्र सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।
दिन/वार: आज रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है, जो नवग्रहों के स्वामी माने जाते हैं। इस दिन सूर्यदेव सहित सभी देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
योग: आज शाम के 08:06 AM तक धृति योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद पूरे दिन शूल योग का असर कायम रहेगा। धृति योग शुभ कार्यों के लिए उत्तम है, लेकिन शूल योग को अशुभ माना गया है।
आज सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि भी योग बन रहे हैं, जिसकी शुभ अवधि आप नीचे शुभ योग कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण: आज के दिन 01:01 PM तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी, जो फरवरी 17 की 02:15 AM तक व्याप्त रहेगी और फिर कौलव करण आरंभ हो जाएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा सिंह कन्या में गोचर कर रहे हैं, जिसका स्वामित्व बुध ग्रह के पास है।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:16 AM से 06:07 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:42 AM से 06:59 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:13 PM से 12:58 PM
विजय मुहूर्त: 02:28 PM से 03:12 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:10 PM से 06:35 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:12 PM से 07:29 PM
अमृत काल: 09:48 PM से 11:36 PM
निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 17 से 01:00 AM, फरवरी 17
सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:59 AM से 04:31 AM, फरवरी 17
अमृत सिद्धि योग: 06:59 AM से 04:31 AM, फरवरी 17
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 04:48 PM से 06:12 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 12:35 PM से 02:00 PM
गुलिक काल: 03:24 PM से 04:48 PM
दुर्मुहूर्त काल: 04:42 PM से 05:27 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 11:03 AM से 12:51 PM
मधुसर्पिष योग/काल: 02:15 AM, फरवरी 17 से 04:31 AM, फरवरी 17
16 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार
आज फाल्गुन माह की चतुर्थी तिथि है और दिन रविवार है। रविवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष रूप से ग्रहों के स्वामी और प्रकाश के देवता सूर्यदेव को समर्पित होता है। रविवार को सूर्यदेव की उपासना से मान-सम्मान, स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है। इस दिन विशेष रूप से सूर्यदेव के साथ सभी देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। रविवार का व्रत रखने से आत्मसंयम और आंतरिक शुद्धि बढ़ती है। आज के दिन दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं, बल्कि जीवन को सफल और समृद्ध बनाने का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की शिक्षा देता है, जिससे हम सही समय पर सही निर्णय ले सकें।
पंचांग के पाँच अंग और उनका महत्व
वार: पंचांग के पहले अंग सप्ताह के प्रत्येक दिन का विशेष प्रभाव होता है।
तिथि: पंचांग का दूसरा अंग तिथि चंद्रमा की स्थिति के अनुसार शुभ-अशुभ समय को दर्शाती है।
नक्षत्र: पंचांग का तीसरा अंग जीवन की गतिविधियों पर नक्षत्रों और ग्रहों के योग-संयोग और प्रभाव को दर्शाता है।
योग: पंचांग का चौथा अंग कार्य की सफलता, अनुकूलता या प्रतिकूलता को प्रभावित करता है।
करण: पंचांग का पांचवां अंग किसी कार्य को प्रारंभ करने के लिए उपयुक्त समय निर्धारित करता है।
पंचांग के अनुसार कार्य करने के लाभ
विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत और यात्रा जैसे शुभ कार्य सही समय पर करने से सफलता और समृद्धि के अवसर बढ़ते हैं।
यह निर्णय क्षमता को मजबूत करता है, जिससे जीवन अधिक सुव्यवस्थित और उन्नत बनता है।
पंचांग का ज्ञान हमें प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन बनाकर जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक होता है।
सही समय पर लिए गए निर्णय जीवन को अधिक सुखद और समृद्ध बना सकते हैं, और पंचांग इस मार्ग में एक प्रभावी साधन साबित होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।