Aaj Ka Panchang 5 February 2025: आज 5 फरवरी, 2025 को माघ माह का 23वां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 10 घंटे 56 मिनट 48 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 13 घंटे 02 मिनट 32 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।
आज रथ मासिक दुर्गाष्टमी व्रत, भीष्म अष्टमी और माघ माह की गुप्त नवरात्रि का आठवां दिन है। आइए जानते हैं, 5 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं और आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का भद्रा काल और राहु काल क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज 5 फरवरी, 2025 को पूरे दिन अष्टमी तिथि है, जो 6 फरवरी को 12:35 AM बजे समाप्त होगी और इसके बाद नवमी तिथि शुरु हो जाएगी। आज मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का शुभ संयोग सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग के साथ हो रहा है।
यूं तो अष्टमी तिथि को अधिकांश कार्यों के लिए शुभ माना जाता है, इसलिए यह शुभ मुहूर्तों में सम्मिलित है। लेकिन आज भद्रा भी लगा है और इसका संयोग अशुभ ज्वालामुखी योग के साथ हो रहा है। इसलिए सावधानी जरूरी है।
नक्षत्र: आज 5 फरवरी को रात के 08:33 PM तक भरणी का योग है। इसके बाद कृत्तिका नक्षत्र शुरू होगा। ये दोनों ही नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए उत्तम नहीं माने गए हैं।
दिन/वार: आज दिन बुधवार है, जो विघ्नहर्ता श्री गणेश की आराधना का एक उत्तम दिन माना गया है। साथ ही आज का दिन नवग्रहों में ग्रहों के राजकुमार बुध को समर्पित है।
योग: आज पूरे दिन शुक्ल योग का प्रभाव रहेगा, जो 6 फरवरी की 12:35 AM बजे तक कायम रहेगी। इसके बाद ब्रह्म योग आरंभ हो जाएगा। ये दोनों योग शुभ और शुक्ल अधिकांश शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।
करण: आज दिन में 01:31 PM बजे तक विष्टि करण का प्रभाव रहेगा, जबकि 6 फरवरी की 12:35 AM तक बव करण प्रभावी रहेगी। बता दें कि विष्टि करण एक अशुभ करण, जबकि बव करण को शुभ माना जाता है।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा मेष राशि में गोचर कर रहे हैं, जो मंगल ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है। इस राशि में चंद्रदेव 6 फरवरी की 02:16 AM तक रहेंगे। इसके बाद वे वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:22 AM से 06:15 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:48 AM से 07:07 AM
अभिजित मुहूर्त: आज अभिजित मुहूर्त नहीं है.
विजय मुहूर्त: 02:25 PM से 03:09 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:01 PM से 06:27 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:04 PM से 07:22 PM
अमृत काल: 04:00 PM से 05:31 PM
निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 06 से 01:01 AM, फरवरी 06
सर्वार्थ सिद्धि योग: 08:33 PM से 07:06 AM, फरवरी 06
रवि योग: 08:33 PM से 07:06 AM, फरवरी 06
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल दोपहर बाद 12:35 PM से 01:57 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 08:29 AM से 09:51 AM
ज्वालामुखी योग: 08:33 PM से 12:35 AM, फरवरी 06
गुलिक काल: 11:13 AM से 12:35 PM:
दुर्मुहूर्त काल: 12:13 PM से 12:57 PM
भद्रा: 07:07 AM से 01:31 PM
5 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार
आज मासिक दुर्गाष्टमी व्रत होने के कारण आज देवी दुर्गा की पूजा और व्रत का उत्तम दिन है। साथ ही आज माघ गुप्त नवरात्रि का आठवां दिन भी है। दश महाविद्याओं में से गुप्त नवरात्रि के आठवें दिन मां बगलामुखी की आराधना की जाती है, जबकि सामान्य रूप से आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। यह नवरात्रि 7 फरवरी 2025 तक चलेगी, जो विशेष रूप से तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
बुधवार का व्रत: बुधवार के दिन मंगलमूर्ति अग्रगण्य भगवान श्री गणेश की आराधना की जाती है और नवग्रहों के राजकुमार माने गए बुध ग्रह की पूजा करने का विधान है। आज बुधदेव को मजबूत करने के उपाय भी किए जाते हैं।
आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
हिंदू धर्म में पंचांग केवल समय का मापक या तिथि और त्योहार का टाइम टेबल नहीं है, बल्कि हर शुभ कार्य की सफलता का आधार भी है। यह वार, तिथि, नक्षत्र, योग और मुहूर्त का अद्भुत संगम है, जो हमें सही समय पर सही निर्णय लेने की दिशा में मार्गदर्शन देता है।
हिंदू धर्म में विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन, नए व्यापार की शुरुआत या कोई नया शुभ काम, हर मांगलिक कार्य पंचांग के अनुसार तय किए गए शुभ मुहूर्त में ही संपन्न किया जाता है। मान्यता है कि सही मुहूर्त में किया गया कार्य न केवल सफल होता है, बल्कि सुख, समृद्धि और शांति भी लाता है।
सनातन धर्म में पंचांग केवल एक कैलेंडर नहीं, बल्कि ब्रह्मांड की ऊर्जा को अपने पक्ष में करने का एक प्राचीन विज्ञान है। सही समय पर किया गया छोटा-सा प्रयास भी जीवन में बड़े सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। इसलिए, पंचांग को जीवन का मार्गदर्शक मानकर उसका अनुसरण करना समृद्धि और सफलता का गेटवे हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।