Aaj Ka Panchang 13 february 2025: आज 13 फरवरी, 2025 को फाल्गुन माह का पहला दिन है और आज इस माह की प्रतिपदा तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 08 मिनट 46 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 50 मिनट 24 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 13 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज 13 फरवरी, 2025 को 08:21 PM तक फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इसके बाद फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि शुरु हो जाएगी। पूर्णिमा तिथि के स्वामी अग्नि हैं और इस तिथि का स्वभाव वृद्धि प्रद माना गया है, साथ ही यह एक नंदा तिथि भी है। इन कारणों से यह तिथि शुभ मानी गई है।
नक्षत्र: आज 13 फरवरी को शाम के 07:35 PM तक मघा नक्षत्र का योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र शुरू होगा। मघा और पूर्वाफाल्गुनी दोनों नक्षत्र सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।
दिन/वार: आज गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। साथ ही, यह दिन नवग्रहों में देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इसलिए आज बृहस्पति ग्रह की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा और उपाय किए जाते हैं।
योग: आज शाम के 07:31 AM तक शोभन योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद अतिगंड योग आरंभ हो जाएगा। शोभन शुभ कार्यों के लिए उत्तम है, लेकिन अतिगंड एक अशुभ योग है।
करण: आज के दिन 07:48 AM तक बालव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद कौलव करण की शुरुआत होगी, जो 08:21 PM तक व्याप्त रहेगी और फिर तैतिल करण आरंभ हो जाएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा सिंह राशि में गोचर कर रहे हैं, जो सूर्य भगवान राशि है।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:18 AM से 06:10 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:44 AM से 07:01 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:13 PM से 12:58 PM
विजय मुहूर्त: 02:27 PM से 03:12 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:07 PM से 06:33 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:10 PM से 07:27 PM
अमृत काल: 06:34 PM से 08:16 PM
निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 14 से 01:01 AM, फरवरी 14
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 01:59 PM से 03:23 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 07:01 AM से 08:25 AM
दुर्मुहूर्त काल: 10:44 AM से 11:29 AM और 03:12 PM से 03:56 PM
गुलिक काल: 09:48 AM से 11:12 AM
विष घटी/वर्ज्य काल: 08:21 AM से 10:03 AM और 05:48 AM, फरवरी 14 से 07:32 AM, फरवरी 14
गण्ड मूल: आज पूरे दिन इसका प्रभाव व्याप्त रहेगा।
13 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार
आज फाल्गुन से फाल्गुन शुरू हो रहा है और आज इस माह की प्रतिपदा तिथि है। यह मास हिंदू पंचांग का अंतिम महीना है, जिसे विशेष रूप से आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में मौसम परिवर्तन होता है, जिससे शीत ऋतु से वसंत ऋतु की ओर संक्रमण देखा जाता है।
गुरुवार का व्रत: आज गुरुवार का दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की आराधना के लिए शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता और भक्तों के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करते हैं और भगवान को पीले पुष्प व पीतांबर अर्पित करते हैं, क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय रंग माना जाता है।
इसके अलावा, गुरुवार का दिन नवग्रहों में देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। बृहस्पति ग्रह को ज्ञान, बुद्धि, धर्म, आस्था और संतान सुख प्रदान करने वाला ग्रह माना जाता है। इस दिन बृहस्पति देव की पूजा करने से विद्या, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति गुरुवार को व्रत और पूजा करता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है, और उसके परिवार में खुशहाली आती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज दक्षिण दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं, बल्कि सफलता और समृद्धि का मार्गदर्शक ग्रंथ है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय के अनुरूप चलना सिखाता है, जिससे जीवन की बाधाएं कम होती हैं और उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
हिंदू पंचांग के 5 अंग—वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण—शुभ-अशुभ समय निर्धारण में सहायक होते हैं। विवाह, गृह प्रवेश और व्यवसाय जैसे कार्य पंचांग के अनुसार करने से सफलता की संभावना बढ़ती है। यह निर्णय क्षमता को सशक्त बनाकर जीवन को अधिक सुव्यवस्थित और सकारात्मक बनाता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।