कीव: रूस-यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमिर जेलेंस्की ने सेना में भर्ती करने वाले सेंटर्स के सभी हेड्स को बर्खास्त कर दिया है। जेलेंस्की ने ये कदम भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों के बीच उठाया है। जेलेंस्की ने बताया कि इन 33 अफसरों पर आरोप है कि वो पुरुषों से घूस लेकर उन्हें देश छोड़ने में मदद करते थे। रूस-यूक्रेन का युद्ध एक महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गया है। इस बीच ऐसा हुआ है। यूक्रेन पर रूस के हमले को 17 महीने से ज्यादा हो चुके हैं।
दरअसल, जब युद्ध शुरू हुआ तो यूक्रेन में उन पुरुषों के देश छोड़ने पर बैन लगा दिया गया था, जो जंग लड़ने में सक्षम हैं। शुक्रवार को जेलेंस्की ने कहा कि युद्ध के दौरान भ्रष्टाचार करना देशद्रोह है। हम इन पदों पर उन लोगों को नियुक्त करेंगे जिन्हें ये बात अच्छे से पता हो कि देश छोड़ना सही नहीं है। जेलेंस्की ने कहा कि ड्राफ्ट बोर्ड के अधिकारियों पर घूस लेने के शक में 112 मुकदमे दर्ज किए गए।
जंग से बचने के लिए झूठी मेडिकल रिपोर्ट
यूक्रेन युद्ध में रूस के सामने डटा तो है, लेकिन देश पूरी तरह से तबाह हो चुका है। अपने से कई गुणा बड़ी सेना के सामना यूक्रेन को डटे रह पाना मुश्किल हो रहा है। युवाओं को सेना में भर्ती कराया जा रहा है। पिछले महीने क्रामाटोरस्क जिले में एक भर्ती केंद्र के 3 कर्मचारियों पर सिपाहियों को ड्यूटी के लिए अयोग्य और यूक्रेन छोड़ने के योग्य दिखाने के लिए जाली दस्तावेज बनाने का आरोप लगाया गया था।
देश भर में चल रहा फेक मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने का केंद्र
कई खुलासे हुए हैं जिसमें दावा किया गया कि जंग से बचने के लिए फेक मेडिकल सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक राजधानी कीव समेत यूक्रेन के कई इलाको में ये स्कीम चल रही थी। इस जंग में रूस के 1.80 लाख और यूक्रेन के 1 लाख सैनिक या तो मारे गए होंगे या घायल हुए हैं। वहीं, यूक्रेन ने 23 फरवरी 2023 तक रूस के 1,45,850 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है।