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सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का पाकिस्तान में असर, खरीफ की फसल में पानी की कमी, अन्न के दाने को होगा मोहताज

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौते को सस्पेंड करने से पाकिस्तान की बिना युद्ध किए ही कमर टूट गई है। पड़ोसी मुल्क की हालत खराब हो गई है। जो लोग भारत सरकार के सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का मजाक उड़ा रहे थे, उन्हें अब शायद समझ में आ रहा होगा कि यह फैसला युद्ध से कम मारक नहीं है। भारत ने चिनाब नदी पर बगलिहार बांध के माध्यम से पानी के प्रवाह को रोक दिया है और झेलम नदी पर किशनगंगा बांध के जरिए भी ऐसा करने की योजना बना रहा है। आइए जानते हैं भारत के इस फैसले से पाकिस्तान किस तरह होगा तबाह?

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 5, 2025 23:23
Visuals from the Baglihar Hydroelectric Power Project built on Chenab River
चिनाब नदी पर निर्मित बगलिहार जलविद्युत परियोजना। (फोटो क्रेडिट ANI)

पहलगाम आतंकी हमले के अगले दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 65 साल से चले आ रहे सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था। इसे कूटनीतिक तौर पर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत की ओर से उठाया गया सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। अब भारत ने चिनाब नदी पर बगलिहार बांध से पाकिस्तान को जाने वाले पानी का प्रवाह रोक दिया है। भारत के इस कदम का पाकिस्तान में असर दिखने लगा है।

भारत के फैसले का क्या हुआ असर?

सिंधु नदी संधि को स्थगित रखने के भारत के फैसले ने पाकिस्तान में चिंता पैदा कर दी है। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (IRSA) सलाहकार समिति ने सोमवार को भारत द्वारा कम आपूर्ति के कारण मराला में चिनाब नदी के प्रवाह में अचानक कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। दरअसल,  चिनाब नदी पर बगलिहार बांध से पाकिस्तान को जाने वाले पानी का प्रवाह रोके जान से खरीफ सीजन के शुरुआती दिनों में पाकिस्तान में 21% पानी की कमी हो सकती है। आईआरएसए सलाहकार समिति की बैठक मई से सितंबर 2025 तक खरीफ की शेष अवधि के लिए प्रत्याशित जल उपलब्धता मानदंड को मंजूरी देने के लिए आईआरएसए मुख्यालय इस्लामाबाद में आईआरएसए के अध्यक्ष साहिबजादा मुहम्मद शब्बीर की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी।

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IRSAAC ने पानी की कमी को लेकर जताई चिंता

सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण सलाहकार समिति (IRSAAC) ने शुरुआती खरीफ (मई से 10 जून) और देर खरीफ (11 जून से सितंबर) मौसम के शेष महीनों के लिए पानी की स्थिति की समीक्षा की। सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस बात पर सर्वसम्मति से ध्यान दिया गया कि भारत द्वारा कम आपूर्ति के कारण मराला में चिनाब नदी के प्रवाह में अचानक कमी के कारण शुरुआती खरीफ मौसम में और अधिक पानी की कमी होगी।

पाकिस्तान में खरीफ फसल पर पड़ेगा बड़ा असर

भारत से पानी की आपूर्ति कम होने के कारण पाकिस्तान को खरीफ मौसम के दौरान पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सिंधु सलाहकार समिति (आईएसी) ने चिनाब नदी में आपूर्ति सामान्य रहने की स्थिति में शेष शुरुआती खरीफ मौसम के लिए 21 प्रतिशत की कुल कमी घोषित की है। हालांकि, स्थिति की दैनिक निगरानी की जाएगी और यदि चिनाब नदी में कमी जारी रहती है तो इसकी फिर से समीक्षा की जाएगी। देर खरीफ के लिए पानी की कमी 7 प्रतिशत होने की उम्मीद है। पानी की यह कमी पहलगाम हमले के बाद 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के भारत के फैसले का नतीजा है।

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बता दें कि संधि पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) को पाकिस्तान और पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) को भारत को आवंटित करती है। साथ ही संधि के अनुसार, प्रत्येक देश को दूसरे को आवंटित नदियों के कुछ उपयोग की अनुमति देती है। संधि भारत को सिंधु नदी प्रणाली से 20% पानी और शेष 80% पाकिस्तान को देती है। पहलगाम में 22 अप्रैल को बैसरन घास के मैदान में आतंकी हमला हुआ था, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: May 05, 2025 11:23 PM

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