Donald Trump Warning For Iran What Means: अमेरिका और ईरान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को खुली धमकी देते हुए कहा है कि अगर ईरान ने उनकी हत्या की साजिश रची तो वह उसे पूरी तरह खत्म कर देंगे। ट्रंप के इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है।
ट्रंप ने धमकी ही नहीं दी, बल्कि यह भी कहा कि उन्होंने अपने सलाहकारों को एक्शन लेने का निर्देश भी दे दिया है। ईरान पर दबाव डालने के लिए एक आदेश पर साइन करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान ने ऐसा किया तो उसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। वहीं अगर सैन्य ताकत की बात की जाए तो अमेरिका ईरान से कई गुना ताकतवर है। अमेरिका की सैन्य ताकत दुनिया में सबसे ज्यादा शक्तिशाली है।
यह भी पढ़ें:अवैध अप्रवासी भारतीयों के खिलाफ ट्रंप का एक्शन; 18000 लोग होंगे डिपोर्ट, जानें क्या है प्लानिंग?
डोनाल्ड ट्रंप अधिकतम दबाव’ की नीति को लागू करने की तैयारी में
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह ईरान के खिलाफ ‘अधिकतम दबाव’ की नीति को फिर से लागू करने की प्लानिंग कर रहे हैं, क्योंकि ईरान पर आरोप है कि वह न्यूक्लियर हथियार डेवलप करने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस नीति का शायद ही इस्तेमाल करना पड़े। उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेशकियन से मिलने की इच्छा भी जताई, ताकि ईरान को यह समझाया जा सके कि वह न्यूल्कियर हथियार बनाने की कोशश न करे।
ईरान की बढ़ेगी मुश्किलें, परमाणु गतिविधियों पर दिए सख्त निर्देश
ट्रंप ने यह टिप्पणी ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों की कठोर नीति को फिर से लागू करने वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते समय की, जो उनके पहले कार्यकाल के दौरान लागू की गई थी। व्हाइट हाउस के एक सहयोगी ने ट्रंप को बताया कि अमेरिकी सरकार के हर विभाग को ईरान पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है। खासकर परमाणु गतिविधियों के संबंध में सख्त आदेश दिए गए हैं।
यह भी पढ़ें:PM मोदी के अमेरिका दौरे की तारीख तय, जानें कब डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे और किन मुद्दों पर चर्चा संभव?
अमेरिका की सैन्य ताकत के आगे नहीं टिक सकता ईरान
अमेरिका के पास दुनिया की सबसे बड़ी और पॉवरफुल आर्मी है। ग्लोबल फायर पावर वेबसाइट दुनियाभर के देशों की सैन्य क्षमताओं की रैंकिंग करती है। इस वेबसाइट ने ही अमेरिका को सैन्य क्षमता के मामले में पूरी दुनिया में नंबर वन पर रखा है। वहीं ईरान की रैकिंग 14वीं है। 137 देशों के सालाना रिव्यू में ईरान सैन्य क्षमता के मामले में 14वें नंबर पर है। अमेरिका के सामने ईरान की सैन्य क्षमता कहीं नहीं टिकती। ईरान अपनी सैनिक क्षमता बढ़ा रहा था, लेकिन 2006 में अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद उसके लिए सैन्य साजो सामान और हथियारों का आयात करना मुश्किल हो गया।
यह भी पढ़ें:डोनाल्ड ट्रंप के तेवर पड़े नरम! कनाडा को राहत, जानें US प्रेसिडेंट और जस्टिन ट्रूडो के बीच क्या डील हुई?
इसलिए ट्रंप से नफरत करता है ईरान
ईरान के ट्रंप से नफरत करने का सबसे बड़ा कारण है जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या। 3 जनवरी 2020 को अमेरिका ने इराक के बगदाद एयरपोर्ट पर ड्रोन हमला किया था, जिसमें ईरान की कुद्स फोर्स का प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी मारा गया था। इस घटना के बाद से ही ईरान और अमेरिका के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। ईरान कई बार इस हमले का बदला लेने की बात कर चुका है। सुलेमानी ईरान के सबसे ताकतवर सैन्य नेताओं में से एक थे और उन्हें सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के बाद देश का दूसरा सबसे प्रभावशाली व्यक्ति माना जाता था।
यह भी पढ़ें:चीन को सबसे बड़ा झटका! ट्रंप के टैरिफ से युआन रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा, 2 और देशों को नुकसान
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर
अमेरिकी खुफिया एजेंसियां वर्षों से ट्रंप के खिलाफ ईरान की धमकियों पर नजर रख हुए हैं। पिछले साल न्याय विभाग ने ऐलान किया था कि उसने राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप को मारने की ईरानी साजिश को विफल कर दिया है। ट्रंप ने यह बयान अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की ओर से मिली जानकारी के बाद दिया। बता दें कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि ईरान ट्रंप के खिलाफ साजिश रच रहा है। बीते कुछ महीनों में ट्रंप पर 2 जानलेवा हमले हुए हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इनके पीछे ईरान का हाथ हो सकता है।