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ताइवान ने भारत को दिया धोखा? श्रम मंत्री बोले- एक लाख भारतीय प्रवासी श्रमिकों को लाने की कोई योजना नहीं

एक लाख भारतीय कामगारों को ताइवान लाने का दावा फर्जी है। यह बात ताइवान की श्रम मंत्री सू मिंग-चुन ने कही है।

ताइवान ने लिया यू-टर्न, कहा- भारत से नहीं लाए जा रहे एक लाख प्रवासी मजदूर
ताइवान (Taiwan) ने भारत पर बड़ा यू-टर्न लिया है। श्रम मंत्री सू मिंग-चुन (Hsu Ming-chun) ने कहा है कि सरकार की भारत से एक लाख प्रवासी कामगारों को देश में लाने की कोई योजना नहीं है। उनकी यह टिप्पणी कुओमितांग (KMT) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होउ यू-इह (Hou Yu-ih) द्वारा दिए गए बयान के बाद आई है। 'ताइवान ने भारत के साथ कोई समझौता नहीं किया' इससे पहले, यह खबर सामने आई थी कि ताइवान बड़ी संख्या में भारत के प्रवासी कामगारों को नौकरी देने जा रहा है। इस संबंध में दोनों सरकारों के बीच समझौता भी हुआ है। हालांकि, सू मिंग-चुन ने साफ कर दिया कि ताइवान ने प्रवासी कामगारों को लाने को लेकर भारत के साथ कोई समझौता नहीं किया है और न ही किसी एमओयू पर साइन किया है। 'भारतीय कामगारों को ताइवान लाने का दावा फर्जी' सू ने कहा कि एक लाख भारतीय कामगारों को ताइवान लाने का कोई भी दावा फर्जी है। ये दावे चुनावी लाभ के लिए लोगों की राय में हेरफेर करने के लिए गलत इरादे वाले लोगों द्वारा किए गए हैं। ताइवान की सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सू का यह बयान उन मीडिया रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें केएमटी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होउ द्वारा दावा किया गया था कि भारत से प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। यह भी पढ़ें: रणक्षेत्र में तब्दील हो रहा लाल सागर, इजरायल के बहाने भारत को निशाना बना रहे Houthi विद्रोही? जानिए क्यों हो रहे हमले मीडिया रिपोर्ट के आधार पर होउ ने दिया बयान होउ यू-इह ने जो बयान दिया, उसका आधार 10 नवंबर की मीडिया रिपोर्ट थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत और ताइवान के बीच एक समझौता हुआ है। सीएनए के मुताबिक, अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में मामले से परिचित वरिष्ठ अधिकारियों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि करीब एक लाख भारती प्रवासी श्रमिकों को ताइवान लाने के समझौते पर इस साल दिसंबर की शुरुआत में हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। सीएनए के मुताबिक, 23 दिसंबर को होउ के कैंपेन ऑफिस ने कहा कि सू ने नवंबर में कहा था कि ताइवान और भारत प्रवासी कामगारों को लाने के लिए इस साल के अंत तक एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे। साल के खत्म होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में सू को स्पष्ट करना चाहिए कि एमओयू पर कब साइन किए जाएंगे और कितने भारतीय कामगार ताइवान आएंगे। यह भी पढ़ें: Zhu Ling Death: तीन दशक पहले दिया गया जहर बनकर रह गई अनसुलझी पहेली; 50 साल की उम्र में चीनी महिला झू लिंग की मौत गौरतलब है कि 13 नवंबर को सू ने लोकल मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि कैबिनेट द्वारा योजना पर साइन किए जाने के बाद प्रवासी कामगारों को लाने के लिए ताइवान और भारत के बीच इस साल के अंत तक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है। हालांकि, उन्होंने दिसंबर में कहा था कि एमओयू पर साइन करने के लिए अभी तक कोई भी तारीख तय नहीं की गई है।


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