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पौने 2 साल…674 द‍िन से रूस-यूक्रेन में जारी जंग आख‍िर कब होगी खत्‍म? 2024 में हो जाएगा फैसला!

Russia Ukraine War Latest Update: फरवरी 2022 से युद्ध जारी है, लेकिन आइए जानते हैं कि युद्ध के चलते रूस और यूक्रेन की ताजा स्थिति क्या है?

Russia Ukraine War Latest Update: फरवरी 2022 में शुरू हुआ रूस-यूक्रेन युद्ध पौने 2 साल, यानी करीब 674 दिन से जारी है। 24 फरवरी 2022 के दिन रूस ने यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर आक्रमण किया और कब्जा कर लिया। रूसी सेना ने जमीनी के रास्ते यूक्रेन में एंट्री की और खूब नरसंहार किया। यूक्रेन के प्रमुख शहरों में रुसी सेना ने धमाके किए, जिनमें कीव, खारकीव और ओडेसा शामिल हैं। कीव और खारकीव लगभग तबाह हो चुके हैं। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने देशभर में मार्शल लॉ की घोषणा कर दी, लेकिन जेलेंस्की ने रूस के आगे अभी तक घुटने नहीं टेके हैं, जिसके परिणामस्वरूप तब से चल रहा युद्ध अभी तक जारी है।  

अब तक क‍ितना जानमाल का नुकसान हो चुका?

युद्ध में दोनों देशों के हजारों लोग मारे जा चुके हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में अब दुनिया का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा हुआ। जून 2023 तक लगभग 8 मिलियन यूक्रेनियन विस्थापित हो चुके थे। फरवरी 2023 तक 8 मिलियन से अधिक लोग अपना देश यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं। रूस ने दावा किया है कि युद्ध में उसके करीब 50 सैनिक मारे गए। कई सैनिक यूक्रेन सेना के कब्जे में हैं। यूक्रेन ने 4 रुसी टैंक बर्बाद कर दिए हैं। 6 जहाजों को मार गिराया। 2 हेलिकॉप्टर भी ढेर किए। बख्तरबंद वाहन नष्ट कर दिए। वहीं यूक्रेन ने दावा किया है कि 4 अप्रैल 2023 तक यूक्रेन के 7096 लोग युद्ध में मारे जा चुके हैं। 50 से ज्यादा सैनिक भी मारे गए। वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार, 8 अप्रैल तक 1611 यूक्रेनी नागरिक मारे गए और 2227 लोग घायल हुए हैं।  

अभी तक युद्ध से रूस का कितना नुकसान हुआ?

रूस-यूक्रेन युद्ध से दोनों देशों को फायदा हुआ और नुकसान भी उठाना पड़ा। युद्ध लड़ते-लड़ते दोनों देश थक चुके हैं। हालांकि यूक्रेन के कुछ हिस्से पर रूस का कब्जा हो गया, लेकिन रूस पर इंटरनेशनल लेवल पर कई तरह के प्रतिबंध लग गए, जिससे रूस की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई। युद्ध के पहले दिन रूस ने चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा कर लिया था। कीव-खारकीव रूस के कब्जे में है, लेकिन युद्ध के कारण रूस को अंतर्राष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम SWIFT से निकाल दिया गया। यूरोपीय देशों में रह रहे रुसी अरबपतियों कीा प्रॉपर्टी जब्त कर ली गई। रूस में विदेश कंपनियों ने अपना कारोबार बंद कर दिया। अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने रुसी जहाजों के लिए अपना एयरस्पेस ब्लॉक कर दिया। अमेरिका ने रूस से गैस और तेल खरीदना बंद कर दिया। 500 से ज्यादा टैंक गवां दिए। यूक्रेन ने 117 टैंक कब्जा लिए। दावा है कि रूस के करीब 7500 सैनिक युद्ध में मारे जा चुके हैं। यह भी पढ़ें: Nepal Airplane Crash: पायलट ने गलत लीवर खींचा और क्रैश हो गया प्लेन, चली गई 72 लोगों की जान

अभी तक युद्ध से यूक्रेन का कितना नुकसान हुआ?

युद्ध में रूस को जितना नुकसान ज्यादा और फायदा कम हुआ, यूक्रेन को भी उतना ही नुकसान हुआ और जितना नुकसान हुआ, उतना ही फायदा भी हुआ। जैसे युद्ध के कारण अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य मदद देते हुए 1400 स्टींगर मिसाइल, 4600 जैवलीन एंटी-टैंक मिसाइल, 5 Mi-17 हेलिकॉप्टर, 300 ग्रेनेड लॉन्चर, 5 हजार राइफल समेत कई हथियार दिए। कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने मदद की। यूरोपियन यूनियन ने एक अरब यूरो की सैन्य मदद दी। कनाडा ने रॉकेट लॉन्चर्स और हैंड ग्रेनेड दिए। ऑस्ट्रेलिया ने 51 अरब डॉलर की मदद की तो जापान ने बुलेटप्रूफ जैकेट भेजीं। अमेरिका समेत पश्चिमी देशों का साथ यूक्रेन को मिला। यूरोपीय देशों ने यूक्रेन के शरणार्थियों के लिए नौकरियों का ऐलान किया। अमेरिका एक लाख यूक्रेनी नागरिकों को शरण देगा। वहीं यूक्रेन ने 12 मार्च 2023 तक 1300 से ज्यादा सैनिक खो दिए। 4 हजार से ज्यादा रिहायशी इमारतें ध्वस्त हो चुकी हैं। 35 लाख से ज्यादा लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है। यह भी पढ़ें: चोरी-छ‍िपे जासूसी कर रहे Google को देना पड़ सकता है 41,000 करोड़ का जुर्माना

दोनों देशों के पास अभी क‍ितनी ताकत बची है?

रूस के हमला करने के बाद यूक्रेन को रूस से ज्यादा फायदा हुआ, क्योंकि उसे पूरी दुनिया का साथ मिला। कई देश रूस को धमकी दे चुके हैं कि अगर रूस ने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया तो अंजाम भुगतना होगा। ऐसे में अभी यूक्रेन की स्थिति मजबूत है। 2 शहरों, हजारों लोगों-सैनिकों को खोने और तबाही का मंजर देखने के बाद यूक्रेन रूस के आगे टिका हुआ है, क्योंकि उसे दुनियाभर के 28 देशों का साथ मिला हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा मदद अमेरिका ने की है। रूस यूक्रेन के 18 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर चुका है, लेकिन इससे ज्यादा अभी तक उसके हाथ कुछ नहीं लगा है। इसमें पूर्वी यूक्रेन का बुखमत शहर अहम है, क्योंकि वह यूक्रेन की राजनीति का केंद्र रह है। ऐसे में युद्ध से रूस को फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ। यूक्रेन एक मजबूत देश बनकर उभरा। वहीं रूस इस युद्ध में अकेला ही है। यह भी पढ़ें: 2023 में किन 5 सेक्टर्स के एम्पलॉइज को मिली सबसे ज्यादा सैलरी? 2024 में इंक्रीमेंट रहेगा ऐसा

क्‍या 2024 में होगा युद्ध का फैसला?

हालांकि युद्ध को बहुत पहले खत्म हो जाना चाहिए था, लेकिन जेलेंस्की ने हिम्मत नहीं हारी। दुनियाभर के देशों की मदद की से वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश रूस के आगे टिका हुआ है। साल 2024 में भी युद्ध के खत्म होने के आसार होने नहीं हैं, क्योंकि यूक्रेन से मिल रही कांटे की टक्कर रूस के लिए नाक का सवाल बन गई है। पुतिन हर हाल में जेलेंस्की को झुकाना चाहता है और वह झुकने को तैयार नहीं। पुतिन ने ऐलान किया है कि यूक्रेन पर बमों की बारिश होती रहेगी। वहीं साल 2024 में युद्ध को कई कारक प्रभावित करेंगे, जिनमें सबसे पहला कारक आर्थिक मदद की कमी होगा। यूक्रेन को अमेरिका से मिल रही मदद कम हो सकती है। हथियारों की सप्लाई में देरी होने से यूक्रेन पीछे हट सकता है। रूस और यूक्रेन दोनों की लोगों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में जहां रूस युद्ध खत्म करना चाहेगा। वहीं यूक्रेन के लिए भी मुश्किल हो सकती है। यूक्रेन के सैनिक युद्ध लड़ते-लड़ते थक चुके हैं। ऐसे में सवाल अभी भी वहीं है कि आखिर रूस-यूक्रेन युद्ध कब और कैसे खत्म होगा?


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