बीते तीन सालों से ज्यादा समय से चल रहे यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर सीजफायर का ऐलान किया है। यह सीजफायर 8-10 मई के बीच लागू होगा। इससे पहले ईस्टर के मौके पर पुतिन ने युद्ध विराम की घोषणा की थी। 19 अप्रैल को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रेमलिन में एक बैठक के दौरान 30 घंटे के लिए सैन्य कार्रवाई रोकने की घोषणा की थी।
क्यों किया गया सीजफायर का ऐलान?
रूस ने यूक्रेन में 8-10 मई तक तीन दिवसीय युद्धविराम की घोषणा की है, जो मॉस्को में द्वितीय विश्व युद्ध के विजय दिवस के स्मरणोत्सव के साथ मेल खाता है। क्रेमलिन ने एक बयान में कहा, ‘रूसी पक्ष द्वितीय विश्व युद्ध के विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के दौरान 7-8 मई की मध्यरात्रि से 10-11 मई की मध्यरात्रि तक युद्ध विराम की घोषणा कर रहा है। इस अवधि के दौरान सभी युद्ध अभियान स्थगित रहेंगे।’
मॉस्को में विजय दिवस की वर्षगांठ की तैयारी
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया है, ‘रूस का मानना है कि यूक्रेनी पक्ष को भी इस उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए। यूक्रेनी पक्ष द्वारा युद्धविराम का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में, रूसी सशस्त्र बल पर्याप्त और प्रभावी जवाब देंगे।’ क्रेमलिन ने कहा, ‘मानवीय कारणों से रूसी पक्ष विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के दौरान युद्धविराम की घोषणा कर रहा है।’ जंग रोकने का यह ताजा प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब रूस 9 मई को विजय दिवस की वर्षगांठ मनाने के लिए मॉस्को के रेड स्क्वायर पर सैन्य परेड की तैयारी कर रहा है। इससे पहले पुतिन ने ईस्टर वीकेंड के दौरान 30 घंटे के लिए युद्ध विराम की घोषणा की थी, उस दौरान रूस और यूक्रेन दोनों ने एक-दूसरे पर युद्ध विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
ये भी पढ़ें:- रूस-यूक्रेन के बीच जल्द खत्म होगी जंग! पुतिन बिना किसी शर्त बातचीत के लिए तैयार
पुतिन ने दिए ये आदेश
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विजय दिवस मनाने के लिए ‘मानवीय आधार’ पर शत्रुता को पूरी तरह से समाप्त करने का आदेश दिया है। यह युद्धविराम 8 मई को रात 12 बजे (2100 GMT 7 मई) से शुरू होगा और 10 मई तक चलेगा। यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन में शांति समझौते के लिए किए जा रहे प्रयासों के बीच की गई है। इससे पहले पुतिन ने बिना शर्त पूर्ण युद्ध विराम को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, इसे यूक्रेन को पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति में रोक और यूक्रेन के लामबंदी के प्रयास से जोड़कर देखा था।