राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल को नए टैरिफ को लेकर ऐलान करेंगे, जो तुरंत प्रभाव से लागू होंगे। ट्रंप ऑटो टैरिफ का भी ऐलान करेंगे, जो एक दिन बाद 3 अप्रैल से लागू हो जाएंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस संदर्भ में पत्रकारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने व्यापारिक सलाहकारों के साथ मिलकर टैरिफ योजना को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं। लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप की योजना व्यापार और टैरिफ टीम के साथ मिलकर अमेरिकी श्रमिकों के लिए बेहतर काम करने की है। 24 घंटे के भीतर ही टैरिफ को लेकर जानकारी मिलेगी। राष्ट्रपति ट्रंप कम दरें चाहने वाले देशों और कंपनियों के साथ भी बातचीत करने को तैयार हैं। कई देश इस बाबत यूएस से संपर्क साध चुके हैं।
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नए रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा डोनाल्ड ट्रंप ‘मुक्ति दिवस’ पर व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में करेंगे। ट्रंप ने सोमवार को दावा किया था कि भारत अमेरिकी आयात पर टैरिफ घटाएगा। सालों से कई देश अमेरिका पर अनुचित तरीके से टैरिफ लगा रहे हैं, जो अब कम करेंगे। अमेरिकी टैरिफ को लेकर दुनियाभर में हलचल है। मंगलवार को इसका असर भारतीय बाजार पर भी दिखा था। शेयर बाजार में 1400 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी, वहीं, NSE के निफ्टी में 353 अंकों की गिरावट आई थी। लेविट के अनुसार ट्रंप अमेरिकी इतिहास की गलतियों को सुधारने के लिए काम कर रहे हैं।
White House🇺🇸 Press Secretary Levitt: Reciprocal tariffs will take effect immediately after announcement 🥲 pic.twitter.com/cE0ZcMUO5L
---विज्ञापन---— Ajay Kashyap (@EverythingAjay) April 1, 2025
20 जनवरी को किया था ऐलान
अमेरिकी श्रमिकों को उनके अधिकार दिलाने के लिए ट्रंप चिंतित हैं। नए टैरिफ का ऐलान शाम 4 बजे तक किया जा सकता है। टैरिफ का ऐलान राष्ट्रपति ट्रंप ने पदभार ग्रहण करने के बाद 20 जनवरी को किया था। रेसिप्रोकल टैरिफ आयात शुल्क श्रेणी का हिस्सा हैं। कनाडा और मैक्सिको से आयात पर उच्च टैरिफ लगाए गए हैं। वहीं, धातुओं पर क्षेत्र आधारित टैरिफ लगाए गए हैं। ट्रंप ने पिछले सप्ताह आश्वासन दिया था कि ऑटो सेक्टर पर स्थायी टैरिफ इस गुरुवार से लागू होंगे।
रेसिप्रोकल टैरिफ के बारे में जानें
यह एक ऐसी आर्थिक नीति है, जो अमेरिकी उत्पादों को विश्व बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाती है। अमेरिका को व्यापारिक समझौतों में समान अवसर और लाभ मिले, इसलिए डोनाल्ड ट्रंप ने इसे लागू किया है। अमेरिकी उत्पादों पर उच्च आयात शुल्क लगाने वाले देशों को रेसिप्रोकल टैरिफ का भुगतान करना होगा, ताकि व्यापार समझौतों में संतुलन स्थापित किया जा सके।
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