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9 स्टूडेंट्स की लाशें समुद्र में मिलीं, 15000 फीट ऊंचाई पर जहाज क्रैश और जिंदा जल गए 29 पैसेंजर्स

Today History in Hindi: जहाज रास्ते में अचानक लापता हो गया और फिर जहाज का मलबा समुद्र में मिला। उसमें सवार सभी 29 लोग मारे गए। उनकी लाशें, सामान और मलबा पानी में तैरता मिला। आइए जानते हैं कि हादसा कब, कहां और कैसे हुआ?

Trans Australia Airlines Flight 538 Crash
Trans Australia Airlines Flight 538 Crash: 15 हजार फीट की ऊंचाई पर फ्लाई कर रहे जहाज से अचानक संपर्क टूट गया। किसी अनहोनी की आशंका तलाशते हुए ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने बचाव अभियान शुरू किया तो समुद्र में बच्चों की लाशें, जहाज का मलबा, सामान, सीटें तैरती देखीं। जांच की गई तो मलबा उसी जहाज का था, जिससे संपर्क टूट गया था। जहाज में सवार सभी 29 लोग मारे गए थे। मरने वाले लोगों में 7 बुजुर्ग और 9 स्कूली बच्चे शामिल थे, जो रॉकहैम्पटन से फ्लाइट में चढ़े थे। वे रॉकहैम्पटन ग्रामर स्कूल के स्टूडेंट थे और छुट्टियों होने के बाद दोस्त का जन्मदिन मनाकर सप्ताहभर के लिए घर वापस जा रहे थे, लेकिन रास्ते में उनकी जलसमाधि बन गई। आइए जानते हैं कि कैसे और कहां हुआ हादसा? यह भी पढ़ें:अमेर‍िका ने रखा 83 करोड़ का इनाम, हज पहुंचा तो लोग लगा रहे गले, जाने कौन है ये मोस्‍ट वॉन्‍टेड ‘आतंकी’

रात के समय हादसाग्रस्त हुआ था जहाज

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा आज से 64 साल पहले 10 जून 1960 को हुआ था। ट्रांस ऑस्ट्रेलिया एयरलाइंस (TAA) की फ्लाइट 538 ने प्लेन फोकर फ्रेंडशिप ने ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन एयरपोर्ट से मैके, क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरी थी। रास्ते में फ्लाइट गो मैरीबोरो और रॉकहैम्पटन में रुकना था। कैप्टन एफसी पोलार्ड थे और जीएल डेविस फर्स्ट ऑफिसर थे। दोनों स्टॉपेज पर फ्लाइट में कोई खराब नहीं थी। रॉकहैम्पटन हवाई अड्डे पर मौसम का पूर्वानुमान मिल गया था। हल्का कोहरा छाने की भविष्यवाणी हुई थी। इसलिए जहाज में 700 गैलन अतिरिक्त ईंधन भरवाया गया, ताकि अगर कोहरे के कारण मैके में उतरना असंभव हो जाए तो टाउन्सविले में लैंडिंग की जा सके। जहाज रवाना हुआ और 13,000 फीट (4,000 मीटर) की ऊंचाई पर पहुंचा। यह भी पढ़ें:प्लेन क्रैश का डराने वाला वीडियो; पूर्व अंतरिक्ष यात्री की मौत, ब्लास्ट हुआ और समुद्र में गिरा जहाज

बादलों की परत को रनवे समझ समुद्र में लैंड किया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रात के करीब 8:17 बजे मैके एयर ट्रैफिक कंट्रोलर मिस्केल ने पायलट को बताया कि कोहरा छा गया है। मैके एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। कैप्टन पोलार्ड ने टावर कंट्रोलर से कहा कि दृश्यता में सुधार होने तक वे 13,000 फीट (4,000 मीटर) की ऊंचाई पर रहेंगे। करीब 8:40 बजे उन्होंने बताया कि वे एयरपोर्ट के ऊपर हैं। नीचे शांत समुद्र है और चमकदार चांदनी रात थी, लेकिन समुद्र तट पर बादलों की परत जमी थी, जिसे पायलट ने रनवे समझ लिया। कैप्टन पोलार्ड ने कहा कि वे हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रहे हैं। मिस्केल ने हवाई अड्डे की स्थिति के बारे में बताया। इसके बाद पायलट से संपर्क नहीं हुआ। 10 बजे तक संपर्क करने की कोशिश चलती रही, लेकिन तब तक जहाज समुद्र में समा चुका था। 11 जून 1960 की सुबह लगभग 3 बजे पैसेंजरों की लाशें, जहाज की सीटें, कपड़े और केबिन का सामान समुद्र में तैरता मिला। मैके हवाई अड्डे से 5 मील दूर समुद्र में राउंड टॉप द्वीप और फ्लैट टॉप द्वीप के बीच जहाज का मलबा मिला। यह भी पढ़ें:13000 फीट ऊंचाई, जहाज पलटियां खाते हुए नीचे आया, पहाड़ी से टकराया और…जिंदा जलकर मरे 137 लोग


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