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27000 फीट ऊंचाई पर जहाज पर मिसाइल दागी, क्रैश होकर जहाज समुद्र में गिरा, मिलीं 81 पैसेंजरों की लाशें

TodayHistory in Hindi: जहाज का मिसाइल अटैक हुआ और ब्लास्ट होने के बाद जहाज समुद्र में गिर गया। उसमें सवार सभी 81 लोग मारे गए। 2 देशों पर जहाज को जानबूझकर टारगेट करने का आरोप लगा। पूरी दुनिया में इस हरकत की निंदा हुई। इटली के भीषण विमान हादसों में यह घटना भी शामिल रही।

जहाज को जानबूझ कर टारगेट करने का आरोप 2 देशों में पर लगा था।
Itavia Flight 870 Crash Memoir: लीबिया और फ्रांस के बीच उस्तिका द्वीप को कब्जाने के लिए युद्ध चल रहा था। हवाई लड़ाई के बीच मिसाइल अटैक हुआ, जिसकी चपेट में 27 हजार फीट की ऊंचाई पर सफर कर रहा जहाज आ गया। मिसाइल से टकराते ही जहाज में ब्लास्ट हो गया और वह टुकड़े-टुकड़े होकर समुद्र में गिर गया। हमले में जहाज में सवार सभी 81 लोग मारे गए। लाशें, जहाज का मलबा और सामान इटली के समुद्र में तैरती मिलीं। इटली सरकार ने लीबिया और फ्रांस दोनों पर जानबूझकर पैसेंजर प्लेन को टारगेट करने का आरोप लगाया। वहीं इटली सरकार ने जांच कराई तो लीबिया ने अपने सीक्रेट सर्विस डिपार्टमेंट की ओर से पेश किए डॉक्यूमेंट में खुलासा किया कि फ्लाइट 870 और उनके एक मिग विमान पर फ्रांस के 2 जेट विमानों ने हमला किया था।   यह भी पढ़ें:Operation Tarang Shakti: पाक सीमा के पास सबसे बड़ा युद्धाभ्यास, 12 देशों की Air Force लेंगी हिस्सा

जहाज के मलबे के साथ मिसाइल का मलबा मिला

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जहाज पर हमला आज से 44 साल पहले 27 जून 1980 को हुआ था। इटाविया एयरलाइन की फ्लाइट 870 (IH 870, AJ 421) ने मैकडॉनेल डगलस DC-9 पैसेंजर जेट विमान में उड़ान भरी थी। जहाज इटली के बोलोग्ना से पलेर्मो शहर तक जाना था। जहाज ने बोलोग्ना गुग्लिल्मो मार्कोनी हवाई अड्डे से एक घंटे और 53 मिनट की देरी से उड़ान भरी थी। 77 पैसेंजर और 4 क्रू मेंबर्स थे। क्रू मेंबर्स में कैप्टन डोमेनिको गट्टी (34), और फर्स्ट ऑफिसर एन्जो फोंटाना (32), 2 फ्लाइट अटेंडेंट शामिल थे। रास्ते में नेपल्स से लगभग 120 किलोमीटर (70 मील) दक्षिण-पश्चिम में यूस्टिका द्वीप के पास जहाज से ATC टॉवर का संपर्क टूट गया। इस बीच जहाज समुद्र में गिरने की खबर पुलिस तक लोगों ने पहुंचाई। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए ग्रोसेटो एयर फोर्स बेस से 2 एयरक्राफ्ट भेजे गए, लेकिन खराब मौसम के कारण वे मलने तक नहीं पहुंच पाए। अगली सुबह जहाज का मलबा और पैसेंजरों की लाशें समुद्र के पानी में तैरती मिली। मलबे के साथ मिसाइल का मलबा भी मिला, जिससे पता चला कि जहाज पर मिसाइल अटैक हुआ था। यह भी पढ़ें:क्या है Digital Afterlife? मौत के बाद भी ‘जिंदा’ रखेगी टेक्नोलॉजी! जानिए सब कुछ

गद्दाफी की हत्या के प्रयास में टारगेट हुआ प्लेन

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इटली सरकार ने आरोप लगाया कि नाटो लीबिया के नेता मुअम्मर अल-गद्दाफी की हत्या करने के प्रयास में था। लीबिया , संयुक्त राज्य अमेरिका , फ्रांसीसी और इटली एयरफोर्स के लड़ाकू विमान इसके लिए मिलकर अभ्यास कर रहे थे। इस अभ्यास के दौरान ही विमान को मार गिराया गया था , जो उस शाम उसी हवाई क्षेत्र में उड़ रहा था, जिसमें ट्रेनिंग सेशन चल रहा था। ह्यूमन राइट्स कमीशन को सौंपे गए दस्तावेजों में लीबिया ने खुलासा किया कि फ्लाइट 870 और एक लीबियाई मिग विमान पर फ्रांसीसी जेट विमानों ने हमला किया था। 18 जुलाई 1980 को, इटाविया फ्लाइट 870 की घटना के 21 दिन बाद एक लीबियाई मिग-23MS विमान साउथ इटली के कैलाब्रिया के कैस्टेलसिलानो में सिला पर्वत में दुर्घटनाग्रस्त मिला। 2008 में इटली के प्रधानमंत्री रहे फ्रांसेस्को कोसिगा ने भी कहा कि इटाविया फ्लाइट 870 को फ्रांसीसी युद्धक विमानों ने मार गिराया था। 7 जुलाई 2008 को फ्रांस के राष्ट्रपति पर हर्जाना भरने का केस किया गया। 2023 में इटली के पूर्व प्रधानमंत्री गिउलिआनो अमातो ने खुलासा किया कि फ्रांस ने मुअम्मर गद्दाफी को मारने के प्रयास में लीबिया के सैन्य जेट को निशाना बनाया, लेकिन पैसेंजर प्लेन भी चपेट में आ गया। इटली ने गद्दाफी पर हमले की सूचना लीबिया को दी, जिसके परिणामस्वरूप गद्दाफी लीबिया के सैन्य जेट पर नहीं चढ़ा, लेकिन उसकी जगह 81 पैसेंजर मारे गए। यह भी पढ़ें:175वें बच्चे का बाप बना असली ‘विक्की डोनर’; जिनके स्पर्म की यूरोप और एशिया में भारी डिमांड


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