Minority Unsafe In Pakistan: बढ़ती महंगाई के साथ कई अन्य समस्याओं से घिरे पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की असुरक्षा के आरोप अक्सर लगते रहे हैं। इस बीच इस्लाम धर्म से संबंधित अहमदिया समुदाय के बड़े नेता ने लगातार हो रहे हमलों को लेकर चिंता जताने के साथ सुरक्षा की भी मांग की है। बता दें कि पाकिस्तान पर यह आरोप लगातार लगता रहता है कि वह संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र का अनुपालन नहीं करता है।
अहमदिया मुसलमानों से की जाती है मारपीट
पाकिस्तान के चर्चित अखबार डान के अनुसार, अहमदिया समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता का कहना है कि कट्टर धार्मिक संगठन से जुड़े लोग अहमदिया लोगों पर लगातार हमले कर रहे हैं और जमकर मारपीट भी हो रही है। उनका कहना है कि ननकाना साहिब जिले की संगला हिल तहसील में अहमदिया समुदाय के दो धार्मिक स्थलों पर हमले हुए हैं। जहां पर यह हमला हुआ है वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का हिस्सा है।
पाकिस्तान में सताया हुआ समुदाय है अहमदिया
समुदाय के नेता अमेर महमूद ने बताया कि पाकिस्तान में अहमदिया से जुड़े लोग स्तरीय जीवन जी रहे हैं। समुदाय के खिलाफ पाकिस्तान में जनभावना काम कर रही है और इसके लिए मुस्लिम समुदाय के कट्टरपंथियों को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में समुदाय को काफी सताया जाता है। गौरतलब है कि अहमदिया समुदाय को कथित तौर पर इस्लाम से बाहर कर दिया गया है। इस समुदाय के लोगों को आम मुसलमानों से अलग माना जाता है। /यहां पर बताना जरूरी है कि पाकिस्तान में वर्ष 1974 में ही अहमदिया मुस्लिमों को गैर मुस्लिम घोषित किया गया था। इसके बाद से पाकिस्तान की मस्जिदों में अहमदिया मुसलमानों की एंट्री तक बैन है।
200 देशों में रहते हैं अहमदिया मुसलमान
यहां पर बता दें कि मुस्लिम समाज में भी अलग-अलग पंथ हैं। इनमें से एक मिर्जा गुलाम अहमद को मानता है। इसी समुदाय को ‘अहमदिया’ कहा जाता है और इस समुदाय के लोगों को अहमदिया मुसलमान कहा जाता है। दरअसल, मिर्जा गुलाम अहमद ने वर्ष 1889 में इस्लाम के अंदर ही एक ‘पुनरुत्थान’ आंदोलन की शुरुआत की थी। इसी के तहत उन्होंने अहमदिया समुदाय की स्थापना की थी। समुदाय को मानने वाले लोग विश्व के 200 से ज्यादा देशों में रहते हैं।
गौरतलब है कि दनिया के विभिन्न देशों में बसे प्रवासी भारतीयों के लिए काम करने वाले एक संगठन ने पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर मुस्लिम वर्ल्ड लीग के सामने चिंता जताई है। इसके साथ ही संगठन ने लीग से मांग की है कि वह पाकिस्तान सरकार से इसमें हस्तक्षेप करने की मांग करे, जिससे अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।