नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को लेकर मेक्सिको ने बड़ा बयान दिया है। मेक्सिको की ओर से संयुक्त राष्ट्र में दावा किया गया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रूस और यूक्रेन के बीच शांति कायम कर सकते हैं। मेक्सिको ने संयुक्त राष्ट्र को एक समिति गठित करने का भी प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव के मुताबिक, समिति में रूस और यूक्रेन के बीच स्थायी शांति की मध्यस्थता के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पोप फ्रांसिस और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को शामिल करने की बात कही गई है।
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पीएम मोदी की टिप्पणी का कई देशों ने किया था स्वागत
न्यूयॉर्क में यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में भाग लेने के दौरान मेक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो लुइस एब्रार्ड कैसाबोन ने ये प्रस्ताव रखा। बता दें कि उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन की 22वीं बैठक में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है। भारतीय प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी का संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम सहित पश्चिमी दुनिया ने स्वागत किया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए: कैसाबोन
मेक्सिको के विदेश मंत्री कैसाबोन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब शांति प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के मध्यस्थता प्रयासों को मजबूत करने के लिए मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर के प्रस्ताव को आपके साथ साझा करना चाहता हूं। यदि संभव हो तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस समेत अन्य राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों को अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए आगे आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि समिति का उद्देश्य संवाद के लिए नए तंत्र तैयार करना और मध्यस्थता के लिए विश्वास पैदा करने, तनाव कम करने और स्थायी शांति का रास्ता खोलने के लिए पूरक स्थान बनाना होगा। कासाबोन ने कहा कि बातचीत, कूटनीति और प्रभावी राजनीतिक समितियों के निर्माण से ही शांति प्राप्त की जा सकती है।
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