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अपने ही देश के रक्षामंत्री से भिड़ गए प्रधानमंत्री, फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर नियंत्रण चाहते हैं नेतन्याहू

Benjamin Netanyahu vs Yoav Gallant News: इस महीने की शुरुआत में हमास ने 6 हफ्ते के सीजफायर पर सहमति जताई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच आने वाले चरणों के लिए बातचीत होनी थी। हालांकि गैलेंट और नेतन्याहू के बीच पैदा हुआ मतभेद इजराइली सरकार और खासतौर पर नेतन्याहू के भविष्य पर सवाल खड़े कर रहा है।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Aug 31, 2024 12:43
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फिलॉडेल्फी कॉरिडोर को लेकर बेंजामिन नेतन्याहू और योवाव गैलेंट के बीच मतभेद उभर आए हैं।

Benjamin Netanyahu vs Yoav Gallant News: गाजा में जारी जंग के बीच इजराइली सरकार में अंदरूनी लड़ाई शुरू हो गई है। खबरों के मुताबिक इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योवाव गैलेंट के बीच झड़प हो गई है। वाईनेट की रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू और गैलेंट के बीच 29 अगस्त को सिक्योरिटी के मामले में कैबिनेट मीटिंग के दौरान यह बहस हुई। दोनों नेताओं के बीच फिलाडेल्फी कॉरिडोर में इजराइली डिफेंस फोर्स की तैनाती को लेकर विवाद हुआ और फिर यह तीखी बहस में तब्दील हो गई।

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक बेंजामिन नेतन्याहू ने रक्षा मंत्री योवाव गैलेंट से गुरुवार को कहा कि वे फिलाडेल्फी कॉरिडोर में सैनिकों को तैनात रखने के पक्ष में हैं, बजाय कि गाजा में बंधक बनाए गए इजराइली लोगों को छुड़ाने के, इसी बात को लेकर दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई।

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सिक्योरिटी कैबिनेट की मीटिंग में क्या हुआ?

29 अगस्त को सिक्योरिटी कैबिनेट की मीटिंग में नेतन्याहू ने नेताओं के सामने एक मैप रखा, जिसमें इजराइली फोर्स ने लोकेशन मार्क की हुई थीं, और यह दिखाया गया था कि किस तरह नौ मील लंबे फिलाडेल्फी कॉरिडोर में इजराइल अपने सैनिकों को तैनात रखेगा। इसी मुद्दे पर सीजफायर के पहले चरण में अन्य पक्षों (हमास) से बात होनी है।

हालांकि नेतन्याहू और गैलेंट के बीच तीखी बहस के बाद साफ हो गया है कि इजराइली सरकार में किस तरह का मतभेद है। गैलेंट और सुरक्षा प्रमुख चाहते हैं कि सीजफायर में बातचीत के दौरान ज्यादा मुद्दों पर समझौता किया जाए क्योंकि बहुत ज्यादा कठोर रवैया रखने से डील तक पहुंचने में बाधा आ रही है। खासतौर पर फिलाडेल्फी कॉरिडोर के मामले में।

चैनल 12 पर लीक हुए मीटिंग के दस्तावेजों के मुताबिक मंत्रियों को पहले यह जानकारी नहीं दी गई थी कि उन्हें फिलाडेल्फी कॉरिडोर को लेकर वोट करना पड़ सकता है। गैलेंट ने नेतन्याहू से पूछा कि ऐसा करना क्यों जरूरी है। उन्होंने मंत्रियों से कहा कि हमास इसके लिए तैयार नहीं होगा। यानी समझौता नहीं होगा और न ही बंधक छोड़े जाएंगे। इस पर नेतन्याहू ने कहा – यही फैसला है।

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फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर नियंत्रण चाहते हैं नेतन्याहू

नेतन्याहू ने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास इसलिए हमला कर पाया क्योंकि इजराइल का फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर कोई नियंत्रण नहीं था। और अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले समय में भी इजराइल हमास के हमलों को नहीं रोक पाएगा। नेतन्याहू ने तर्क दिया कि उनका स्टैंड हमास को डील के लिए मजबूर कर देगा, क्योंकि उनके पास कोई ऑप्शन नहीं है।

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में हमास ने 6 हफ्ते के सीजफायर पर सहमति जताई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच आने वाले चरणों के लिए बातचीत होनी थी। हालांकि गैलेंट और नेतन्याहू के बीच पैदा हुआ मतभेद इजराइली सरकार और खासतौर पर नेतन्याहू के भविष्य पर सवाल खड़े कर रहा है।

उधर मिस्त्र ने कहा है कि वह फिलाडेल्फी कॉरिडोर में इजराइली सैनिकों की तैनाती पर अपनी सहमति नहीं देगा। वाईनेट न्यूज ने लिखा है कि मिस्त्र का पहले से ही फिलाडेल्फी कॉरिडोर को लेकर एक स्टैंड रहा है और वह उस पर कायम है।

HISTORY

Written By

Nandlal Sharma

First published on: Aug 31, 2024 10:51 AM

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