India-UK FTA Agriculture Sector: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भारत-यूके के बीच गुरुवार को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) हो गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात के बाद इस डील पर साइन हुए। समझौते पर कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल और ब्रिटेन के समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड ने साइन किए। इस समझौते को दोनों देशों के बीच काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। न सिर्फ व्यापार, बल्कि शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी इस डील से बड़ा बदलाव आएगा। इस डील को किसानों के लिए भी बड़ी जीत माना जा रहा है। आइए जानते हैं इस डील में ऐसा क्या है, जिसकी वजह से ये किसानों के लिए एक मास्टरस्ट्रोक साबित होगी।
किसानों के लिए क्या होगा फायदा?
इस डील के बाद लगभग 95% एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स पर ड्यूटी फ्री एक्सपोर्ट हो सकेगा। जिसमें फल, सब्जियां, अचार, मसाला, रेडी टू ईट मील्स और प्रॉसेस्ड फूड शामिल हैं। ये सामान ड्यूटी फ्री होकर यूके पहुंचेंगे। जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा। इससे पहले किसानों को अपनी आय का एक हिस्सा एक्सपोर्ट ड्यूटी के तौर पर देना होता था। ये ड्यूटी फ्री होने के बाद किसान टैक्स की चिंता छोड़ सकेंगे। उन्हें यूके के मार्केट्स में अपने प्रोडक्ट्स का पहले से बेहतर दाम मिल सकेगा।
Historic Agreement Sealed! 🇮🇳🇬🇧
India and the UK sign a Comprehensive Economic and Trade Agreement (CETA), advancing a new era of economic partnership and opportunity under the visionary leadership of PM @NarendraModi ji.
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— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 24, 2025
दरअसल, डील के बाद यूके में एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स की लैंडिंग कॉस्ट कम हो जाएगी। इस कारण रिटेल चेन और मेनस्ट्रीम मार्केट के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। जिससे भारतीय किसानों को यूके के मार्केट में उनके प्रोडक्ट्स की प्रीमियम कॉस्ट मिलेगी। डील के जरिए बाजरा, जैविक जड़ी-बूटियां जैसे नए प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट के मौके मिलेंगे। इससे किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा।
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एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट में होगा इजाफा
ड्यूटी फ्री होने से अगले 3 साल में एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट में 20 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। भारत ने 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट का लक्ष्य रखा है। इस डील से ये लक्ष्य पूरा हो सकेगा। अभी भारत से भेजे जाने वाले प्रोडक्ट्स पर लगभग 4 से 8 प्रतिशत तक एक्सपोर्ट ड्यूटी लगती है।
किसानों के अलावा और क्या-क्या होंगे फायदे?
इस डील से भारत के सीफूड एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी की संभावना है। टूना, फिशमील और फीड्स पर 4.2 प्रतिशत से लेकर 8.5 प्रतिशत तक ड्यूटीज लगाई जाती हैं। डील के बाद आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और केरल के मछुआरों को काफी फायदा होगा। उनके 99 प्रतिशत आइटम्स एक्सपोर्ट ड्यूटी फ्री हो जाएंगे।
Congratulations to Prime Minister @NarendraModi ji, UK Prime Minister @Keir_Starmer, and the people of India & the United Kingdom on the signing of the landmark India-UK Comprehensive Economic and Trade Agreement (CETA).
Duty-free access for about 99% of Indian exports unlocks… pic.twitter.com/AWAwVTwtrg
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 24, 2025
और क्या होगा फायदा?
इस समझौते के बाद न केवल मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल जैसे अभियानों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारतीय कारीगरों, बुनकरों, दिहाड़ी मजदूरों की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। इस डील के बाद भारत के इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, कैमिकल, फूड प्रोडक्ट्स और प्लास्टिक जैसे क्षेत्रों पर भी प्रभाव पड़ेगा। इस समझौते के बाद भारतीय ग्राहकों को भी ज्वैलरी, व्हिस्की, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, स्टील और ऑटो जैसे क्षेत्रों में फायदा होगा। ब्रिटेन की कारों पर शुल्क 100 परसेंट से कम कर 10 प्रतिशत किया जाएगा। इससे टाटा और जेएलआर जैसी कंपनियों को फायदा होगा। कई लग्जरी कारों की कीमतें कम हो सकती हैं। भारतीय छात्रों को इसका फायदा होगा। वे पढ़ाई के बाद कुशल पेशेवर के तौर पर ब्रिटेन में बेहतर जॉब ले सकेंगे।
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क्या-क्या होगा सस्ता?
डील के बाद भारत में ब्रिटेन से इम्पोर्ट होने वाले मेडिकल इक्विपमेंट्स, चॉकलेट्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, बिस्किट और कार सस्ते हो जाएंगे। इन वस्तुओं पर एवरेज टैरिफ 15 परसेंट से कम होकर 3 प्रतिशत तक रह जाएगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल भी सस्ते हो जाएंगे। व्हिस्की पर इम्पोर्ट ड्यूटी 150 से घटकर 75 परसेंट रह जाएगी। अगले 10 साल में ये सिर्फ 40 प्रतिशत ही रहेगी। इस डील से 60 हजार से ज्यादा आईटी प्रोफेशनल्स को भी फायदा होगा। तीन साल तक यूके के सोशल सिक्योरिटी पेमेंट्स से छूट मिलेगी।
भारत के लिए कितना बड़ा बाजार है यूके?
ब्रिटेन को भारत के एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट के रूप में मसालों के साथ ही चाय, आम और हाई रेटेड प्रोडक्ट मिलते हैं। भारत ग्लोबल लेवल पर एग्रीकल्चर प्रोडक्ट का लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट करता है। इसमें ब्रिटेन को उसका एक्सपोर्ट करीब 7 हजार करोड़ रुपये का है। ब्रिटेन को भारतीय किसानों के लिहाज से हाई वैल्यू मार्केट माना जाता है।