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गाय-भैंस नहीं घोड़ी का दूध है हेल्थ के लिए सबसे बढ़िया! इससे बनी आइस्क्रीम के भी हैं कई फायदे

Horse Milk Research : स्वस्थ रहने के लिए अक्सर गाय या भैंस का दूध पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि घोड़ी का दूभ भी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। खासकर अगर इससे आइस्क्रीम बनाकर खाई जाए तो वह पेट के लिए काफी हेल्दी साबित हो सकती है।

Representative Image (Pixabay)
Health Benefits Of Horse's Milk : मध्य एशिया में रहने वाले लोग कई पीढ़ियों तक घोड़ी के दूध से होने वाले हेल्थ बेनेफिट्स के बारे में कहते आए हैं। वहीं, अब पोलैंड में रिसर्चर्स यह मान रहे हैं कि घोड़ी के दूध का इस्तेमाल आइस्क्रीम बनाने के लिए भी किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार घोड़ी के दूध से बनने वाली आइस्क्रीम न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि आपके पेट के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। रिसर्चर्स ने घोड़ी के दूध से 4 अलग-अलग तरह की आइस्क्रीम तैयार की थीं। इनमें से जिनमें फरमेंटेड दूध का इस्तेमाल किया गया था वह एक अच्छे प्रोबायोटिक ट्रीटमेंट की तरह थीं जो पेट में नुकसानदायक बैक्टीरिया को जमा होने से रोकते हैं। हजम होने के बाद इनमें मौजूद प्रोटीन्स की वजह से एंटीमाइक्रोबियल और एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव भी देखने को मिलते हैं।

घोड़ी के दूध से बनाईं 4 तरह की आइस्क्रीम

पहली आइस्क्रीम में योगर्ट बैक्टीरिया थे जबकि दूसरी आइस्क्रीम में योगर्ट बैक्टीरिया और प्रोबायोटिक इनुलिन थे। तीसरी आइस्क्रीम में बैक्टीरिया लैक्टिकासिबैसिलल रेम्नोसस और चौथी में बैक्टीरिया लैक्टिप्लांटिबैसिलस थे। रिसर्चर्स ने पहले आधे घंटे तक घोड़ी के दूध को 65 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पास्चराइज किया। गाय के दूध को भी इसी तापमान पर पास्चराइज किया जाता है। ये भी पढ़ें: किसने बनाया था दुनिया का सबसे पुराना पिरामिड?  ये भी पढ़ें: रूस के खिलाफ जंग लड़ेंगे यूक्रेन के Robot Dogs! एक दिन बाद प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग करने पर उन्हें पता चला कि सभी सैंपल्स में प्रोटीन और फैट के लेवल में कुछ खास अंतर नहीं था। सभी सैंपल्स का क्रीमी व्हाइट रंग प्राकृतिक और अट्रैक्टिव था। रिसर्चर्स ने कहा कि सभी सैंपल्स का टेक्सचर सॉफ्ट था और स्वाद भी बढ़िया था। इनमें से केवल एक सैंपल में एसिड का फ्लेवर बाकी सैंपल्स की तुलना में ज्यादा नोटिस किया गया।

बीमारियों के इलाज में भी आ सकता है काम

रिसर्चर्स ने कहा कि घोड़ी का दूध प्रोबायोटिक्स के लिए बहुत अच्छा है। यह लैक्टोस की ज्यादा मात्रा से जुड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा कि घोड़ी के दूध के बारे में जागरूकता का अभाव है। इसका इस्तेमाल योगर्ट आइस्क्रीम के प्रोडक्शन में रॉ मैटीरियल की तरह किया जा सकता है। इस रिसर्च से इतर हुई कुछ स्टडीज में भी सामने आया है कि घोड़ी के दूध का इस्तेमाल टीबी, गैस्ट्रिक अल्सर्स और क्रॉनिक हेपेटाइटिस के इलाज में किया जा सकता है। ये भी पढ़ें: वो लड़ाई जिसने कर दिए थे पाकिस्तान के 2 टुकड़े ये भी पढ़ें: ईरान ने क्यों खाई है इजराइल के खात्मे की कसम?


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