girl death after stomach pain: आज के समय में लोगों को बड़ी से बड़ी घातक बीमारियां बड़ी आसानी से जकड़ लेती हैं, जिनका उन्हें लंबे समय तक पता भी नहीं चलता। फिर एक वक्त के बाद जब उन्हें उनकी बीमारी का पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसी से जुड़ा एक मामला स्कॉटलैंड के ग्लासगो से सामने आया, जहां एक 18 साल की बच्ची को अचानक पेट में दर्द हुआ और चेकअप के बाद उसे एक बड़ी बीमारी का पता चला। इतना ही नहीं, बीमारी का पता चलने के कुछ हफ्तों में ही उसकी मौत हो गई।
पेट दर्द से शुरू हुई घातक बीमारी की कहानी
स्कॉटलैंड के ग्लासगो की रहने वाली 18 वर्षीय काया-इमानी चैंबर्स के बीते फरवरी माह में अचानक पेट दर्द हुआ, जिसकी शिकायत लेकर वह डॉक्टर के पास गई और जांच कराई। इस दौरान उसे पसलियों में दर्द, गर्दन में गांठ और साथ ही खांसी के दौरे पड़ने लगे तो वह वापस लौट आई।
कैंसर का पता चलते कुछ समय में ही हो गई काया की मौत
काया के परिवार के मुताबिक, फरवरी में हुई जांच के बाद अप्रैल में उसे एक बार फिर डॉक्टर के पास ले जाया गया और जहां उसे एंटीबायोटिक दवाओं का दस सप्ताह का कोर्स करने को कहा गया। डॉक्टरों का मानना था कि उसके गुर्दे में पथरी है। उन्होंने बताया कि काया की ओर से किए गए कोर्स के कुछ सप्ताह बाद वह सूजी हुई बांह के साथ अस्पताल में वापस आई और कई सारी जांच कराई, जिसमें उसे कैंसर होने की जानकारी मिली। कैंसर की जानकारी मिलने के कुछ हफ्तों बाद ही उसकी मौत हो गई।
मां बोली – इतनी जल्दी मौत हो जाएगी, उम्मीद नहीं थी
काया की 56 वर्षीय मां डोना ने बताया कि काया की इस बीमारी का पता लगने और उसकी मौत के बाद पूरे परिवार को सदमा सा लग गया। उन्होंने कहा कि काया इतनी चुलबुली और मजाकिया थी, जिस वजह से उसे सोशल बटरफ्लाई को तरह देखा जाता था। उन्होंने कहा कि काया अपने दोस्तों के बीच बहुत खुश रहती थी, उसके बिना यह सब अब बहुत मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि परिवार के लिए यह बहुत मुश्किल है क्योंकि किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि उसकी इतनी जल्दी मौत हो जाएगी। वह बहुत सीधी लड़की थी, अभी उसके सामने पूरा जीवन था।
‘डॉक्टरों को भी नहीं पता कि काया को कौन सा कैंसर था’
काया की मां का कहना है कि काया की जांच करने वाले डॉक्टर अभी तक यह में बता पाए कि उसे कौन सा कैंसर है। हालाकि, ये कैंसर उसकी हड्डियों और फेफड़ों तक पहुंचने से पहले उसके लीवर में शुरू हुआ था। डोना ने बताया कि काया को इम्यूनोथेरेपी के साथ एक दैनिक टैबलेट दी गई थी, जिसका शुरुआत में उस पर अच्छा असर हो रहा था।