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‘पीड़ितों के मुंह पर तमाचा…’, फिलिस्तीन को मान्यता देने के फ्रांस के फैसले पर भड़का अमेरिका

Marco Rubio Palestine statement: अमेरिका फिलिस्तीन को देश के तौर पर मान्यता देने के फ्रांस के फैसले के खिलाफ हो गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह 7 अक्टूबर के पीड़ितों के मुंह पर तमाचा मारने जैसा होगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Rakesh Choudhary Updated: Jul 25, 2025 09:47
France Palestine recognition
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (बाएं) और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो (Pic Credit-Social Media X)

France Palestine recognition: फिलिस्तीन को देश के तौर पर मान्यता देने के फैसले को लेकर अब अमेरिका ने फ्रांस पर निशाना साधा है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो के फैसले पर हैरानी जताई है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अमेरिका यूएन महासभा में फिलिस्तीन को राज्य के तौर पर मान्यता देने के फैसले को अस्वीकार करता है। यह फैसला हमास के दुष्प्रचार को बढ़ावा देगा और शांति काे नुकसान पहुंचाएगा। मैक्रो का ऐसा करना 7 अक्टूबर के पीड़ितों के मुंह पर तमाचा मारने जैसा होगा।

बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने ऐलान किया है कि उनका देश सितंबर में यूएन की बैठक के दौरान फिलिस्तीन को एक देश के तौर पर मान्यता देगा। जानकारी के अनुसार अब 142 देश फिलिस्तीन को मान्यता देने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में इजराइल और अमेरिका लगातार दुनिया के इस कदम का विरोध कर रहे हैं।

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मैक्रो ने फैसले पर क्या कहा?

मैक्रो ने फिलिस्तीन को मान्यता देने के फैसले का ऐलान करते हुए कहा कि आज की आवश्यकता गाजा में युद्ध को खत्म करने और सभी बधंकों की रिहाई पर है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता पहुंचाने पर भी उन्होंने जोर दिया। मैक्रो ने कहा कि हमें फिलिस्तीन का निर्माण करना चाहिए। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वह विसैन्यीकरण को स्वीकार करे और इजराइल को पूरी तरह मान्यता और सभी की सुरक्षा में योगदान दे।

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जानें फिलिस्तीन की क्या मांग है?

माना जा रहा है कि अगर फ्रांस फिलिस्तीन को मान्यता देता है तो उसके बाद कई अन्य देश भी इस ओर कदम उठा सकते हैं। क्योंकि यूरोप में सबसे अधिक यहूदी और मुस्लिम फ्रांस में ही रहते हैं। बता दें कि फिलिस्तीन के लोग वेस्ट बैंक, पूर्वी येरुशलम और गाजा को मिलाकर एक देश बनाने की मांग कर रहे हैं। इन जगहों पर 1967 से ही इजराइल का कब्जा है। वेस्ट बैंक में करीब 5 लाख यहूदी और 30 लाख फिलिस्तीनी रहते हैं।

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First published on: Jul 25, 2025 09:14 AM