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अबॉर्शन के अधिकार को संविधान में शामिल करेगा फ्रांस! ऐसा करने वाला बनेगा पहला देश

France To Make Abortion Constitutional Right: फ्रांस गर्भपात के अधिकार को संविधान में शामिल करने वाला पहला देश बनने जा रहा है। इसे लेकर लाए गए बिल पर आज यानी सोमवार को अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इसे पारित होने में कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आने वाली है क्योंकि सीनेट में इस बिल को भरपूर समर्थन मिला था।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Mar 4, 2024 12:53
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President Of France Emmanuel Macron
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले साल ऐसा करने का वादा किया था।

France To Make Abortion Constitutional Right : फ्रांस गर्भपात के अधिकार को अपने संविधान में शामिल करने के लिए तैयार है। इसे लेकर सोमवार को फ्रांस के सांसद इस पर फैसला लेंगे। अगर इसे अनुमति मिल जाती है तो ऐसा करने वाला फ्रांस दुनिया का पहला देश बन जाएगा। इसके लिए संसद के दोनों सदनों की कांग्रेस को 3:5 के अनुपात से बहुमत की जरूरत होगी। कांग्रेस से अनुमति मिल जाती है तो गर्भपात कराने का अधिकार अपने बेसिक कानून में शामिल करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।

राष्ट्रपति मैक्रों ने पिछले साल किया था वादा

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले साल इस अधिकार को संविधान का हिस्सा बनाने का वादा किया था। बता दें कि फ्रांस में साल 1975 से यह लीगल है। साल 2022 में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने करीब आधे दशक पुराने इस अधिकार को पलट दिया था और देशों को इस पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति दी थी। इस फैसले के बाद ही मैक्रों ने यह कदम उठाने की बात कही थी। उल्लेखनीय है कि यहां की राष्ट्रीय असेंबली के निचले सदन ने जनवरी में गर्भपात की स्वतंत्रता की गारंटी को संविधान में शामिल करने को बहुमत से अनुमति दी थी।

साल 1975 में मिली थी इसे कानूनी मान्यता

सेंटर फॉर रिप्रोडक्टिव राइट्स की लिया होक्टर ने इसे लेकर कहा कि फ्रांस न केवल यूरोप बल्कि पूरी दुनिया में इस तरह के विस्तृत और व्यापक संवैधानिक प्रावधान की पेशकश कर सकता है। हाल ही में इस बिल को लेकर सीनेट में हुए मतदान के दौरान इसके पक्ष में 267 जबकि विरोध में केवल 50 वोट पड़े थे। बता दें कि फ्रांस में गर्भपात को 1975 में कानूनी रूप से वैध किया गया था। पहले इसकी वैधता की समय सीमा गर्भावस्था के शुरुआती 10 सप्ताह तक थी। लेकिन, बाद में इसकी अवधि बढ़ाते हुए इसे 14 सप्ताह कर दिया गया था।

देश की 96 प्रतिशत जनता इसके समर्थन में

रिपोर्ट्स के अनुसार फ्रांस की संसद के अधिकांश सदस्य इस कानून के अतिरिक्त सुरक्षा देने के समर्थन में हैं। नवंबर 2022 में हुए एक सर्वे में सामने आया था कि यहां की 86 प्रतिशत जनता इस कदम का समर्थन कर रही है। लेफ्ट विंग के नेताओं ने इस बदलाव का स्वागत किया है लेकिन राइट विंग के नेताओं का कहना है कि इसे हरी झंडी दिखाने के लिए वह दबाव महसूस कर रहे हैं। बीते बुधवार को फ्रांस की सीनेट में भी इस बिल को भरपूर समर्थन मिला था। राष्ट्रपति मैक्रों ने सीनेट से मिली प्रतिक्रिया को निर्णायक कदम करार दिया था।

First published on: Mar 04, 2024 12:48 PM

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