नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में बरकरार टेंशन के बीच भारत और चीन की सेना रूस में एक साथ मिलिट्री ड्रिल करेगी। मिलिट्री ड्रिल को स्ट्रैटर्जिक कमांड और स्टाफ एक्सरसाइज वोस्तोक-2022 का नाम दिया गया है। चीन और भारत के अलावा बेलारूस, ताजिकिस्तान और मंगोलिया की सेना भी मिलिट्री ड्रिल में पार्टिसिपेट करेंगी। रूसी समाचार एजेंसी, TASS के अनुसार, वोस्तोक-2022 को रूस के जनरल स्टाफ के चीफ वालेरी गेरासिमोव के नेतृत्व में आयोजित किया जाएगा। अभ्यास 30 अगस्त से 5 सितंबर के बीच होने की उम्मीद है।
भारतीय सेना की ओर से नहीं आया है आधिकारिक बयान
चीनी रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि वोस्तोक-2022 में भाग लेने के लिए चीन अपने कुछ सैनिकों को रूस भेजेगी। चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत, बेलारूस, ताजिकिस्तान और मंगोलिया भी अभ्यास के लिए सैनिक भेजेंगे लेकिन भारतीय सेना ने इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
चीनी रक्षा मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया है कि मिलिट्री ड्रिल का वर्तमान में चल रहे किसी भी अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति से कोई संबंध नहीं है। बता दें कि इन दिनों रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है तो वहीं चीन और चाइवान के रिश्ते तल्ख हैं। वहीं पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध की खबरें आतीं रहती हैं।
चीन ने बताया, क्या है मिलिट्री ड्रिल का उद्देश्य
चीनी रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया कि मिलिट्री ड्रिल का उद्देश्य इसमें शामिल होने वाले देशों के सेनाओं के बीच व्यावहारिक और मैत्रीपूर्ण सहयोग को गहरा करने, रणनीतिक समन्वय के स्तर को बढ़ाने और विभिन्न सुरक्षा खतरों से निपटने की क्षमता को मजबूत करना है।
रूस ने चीन को बताया प्रमुख साझेदार
रूस की ओर से कहा गया है कि चीन हमारा प्रमुख साझेदार है। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, चीन 1990 के दशक से रूसी सैन्य उपकरणों का एक विश्वसनीय खरीदार रहा है। दोनों देशों के बीच संबंध कभी-कभी तनावपूर्ण भी रहे हैं। बता दें कि पिछला वोस्तोक सैन्य अभ्यास 2018 में हुआ था और इसमें मंगोलिया और चीन शामिल हुए थे।