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चीन का नया फरमान: सोशल मीडिया पर सेना की फोटो शेयर नहीं कर सकेंगे नागरिक, जाना पड़ जाएगा जेल

China Bans Sharing Military Photos Online : चीन ने राष्ट्रीय और सैन्य सुरक्षा पर खतरे की बात कहते हुए सेना से जुड़ी तस्वीरों को ऑनलाइन शेयर करने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। ऐसा करने पर जेल की सजा का प्रावधान भी किया गया है।

China Bans Sharing Military Photos Online : चीन के कई नागरिक देश की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी के हथियारों और उपकरणों की तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट करते रहते हैं। लेकिन अब वह ऐसा नहीं कर पाएंगे। दरअसल चीन ने ऐसी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर करने पर रोक लगा दी है। माना जाता है कि पश्चिमी देशों के विशेषज्ञ इन्हीं तस्वीरों को एनालाइज कर चीनी सेना पर नजर बनाए रखते हैं। बता दें कि चीन अपने सुरक्षा बलों का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है। लेकिन वहां के सोशल मीडिया यूजर्स सैन्य केंद्रों के बाहर से या फिर संवेदनशील इलाकों के पास कमर्शियल फ्लाइट्स से सेना के जहाजों और एयरक्राफ्ट्स की तस्वीरें पोस्ट करते रहते है। लेकिन एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीनी मिलिट्री के ये फैन अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। सैन्य सुरक्षा पर खतरे का दिया तर्क रिपोर्ट्स के अनुसार इसे लेकर चीन के सुरक्षा मंत्रालय ने वहां के एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट पर एक पोस्ट लिखी है। इस पोस्ट में कहा गया है कि सेना को लेकर उत्साहित रहने वाले कुछ लोग नेशनल डिफेंस के बारे में अवैध तरीके से जानकारियां जुटाकर उसे इंटरनेट पर डाल रहे हैं। इससे देश की मिलिट्री सिक्योरिटी पर गंभीर खतरा बन जाता है। इस पोस्ट में कहा गया है कि ऐसे लोग मिलिट्री एयरपोर्ट्स, नेशनल डिफेंस और मिलिट्री इंडस्ट्रियल यूनिट्स की तस्वीरें लेने के लिए फेरी या विमान के जरिए ऐसे स्थानों के पास से गुजरते हैं। इस दौरान वह टलीफोटो लेंस या ड्रोन की मदद से यहां की फोटो खींचते हैं। बाद में वह ये तस्वीरें इंटरनेट पर पोस्ट कर देते हैं जो कि नहीं होना चाहिए। अब ऐसा किया तो जाना पड़ेगा जेल बता दें कि अब ऐसा करने वाले व्यक्ति को जेल की सजा भी काटनी पड़ सकती है। पोस्ट में कहा गया है कि बार-बार ऐसी हरकत करने वाले को सात साल तक की जेल की सजा सुनाई जा सकती है। वहीं, पहली बार या कभी-कभी ऐसी तस्वीरें लेने और पोस्ट करने वालों को केवल चेतावनी दी जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि ऑनलाइन पोस्ट की गई ऐसी तस्वीरें युद्धपोतों या एयक्राफ्ट्स पर किए जा रहे कार्यों की प्रोग्रेस दिखाती हैं। इसके साथ ही इनसे चीनी मिलिट्री हार्डवेयर की ऑपरेशनल और टेक्निकल जानकारियां भी सबको मिल जाती हैं। मंत्रालय का कहना है कि यह ऐसी स्थिति है जहां सेना की और देश की सुरक्षा के साथ समझौता हो सकता है। ये भी पढ़ें: क्यों इजराइल ने चीन से मांगी मदद? ये भी पढ़ें: बांग्लादेश में क्यों कम हो रहे हैं हिंदू? ये भी पढ़ें: US के टारगेट पर क्यों आया ईरान? ये भी पढ़ें: गाजा में अभियान तेज करेगा इजराइल


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