Signs of Life on Mars: अंतरिक्ष में एक और बड़ी खोज हुई है। मंगल ग्रह पर एक बार फिर जीवन के संकेत मिले हैं। नासा के पर्सिवियरेंस रोवर ने लाल ग्रह पर एक चट्टान देखी है, जिसका आकार तीर जैसा है। इस चट्टान को देखने पर ऐसा लगता है, मानो पानी की धारा बह रही हो। रोवर ने नासा को इस चट्टान की तस्वीरें भेजी हैं, जिसमें चट्टान की सतह पर क्रिस्टल जैसे ठोस पदार्थ और एक लाल रंग का एरिया दिखाई दिया है।
यह लाल रंग का एरिया कई रसायनों और कइ्र तरह की ऊजाओं का सोर्स हो सकता है। इस चट्टान का आकार 3.2 फीट लंबा और 2 फीट चौड़ा है। इसका नाम ग्रैंड कैन्यन झरने के नाम पर चेयावा फॉल्स रखा गया है। वैज्ञानिक केन फार्ले इसे अब तक खोजी गई सबसे रहस्यमय, जटिल और जीवन के सबसे ज्यादा अहम संकेत मान रहे हैं।
What a week! Anyone else possibly discover signs of microbial life from billions of years ago on a planet 140 million miles from Earth?
---विज्ञापन---No? Just me? pic.twitter.com/VLYxzaRPAE
— NASA’s Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) July 26, 2024
गत 21 जुलाई को रोवर के कैमरे में दिखी चट्टान
वैज्ञानिक केन फार्ले मीडिया को बताते हैं कि चट्टान का निर्माण कैसे हुआ और किस हद तक आस-पास की चट्टानों ने इसे बनने में मदद की होगी? इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। 3.7 अरब वर्ष पहले मंगल ग्रह पर बने जेजेरो क्रेटर नामक झील में बहते पानी से नेरेत्वा वैलिस नामक घाटी बन गई थी, जिसके अंदर गत 21 जुलाई को यह चट्टान मिली।
इस चट्टान पर जो धाराएं बनी हैं, वे सफेद कैल्शियम सल्फेट जैसी लग रही हैं। इस चट्टान में दिख रहे लाल एरिया में कई मिलीमीटर बड़े सफेद रंग के धब्बे हैं, जिनमें से हर एक धब्बा काले रंग से पदार्थ से घिरा हुआ है। रोवर ने इन धब्बों का विश्लेषण करने के लिए एक्स-रे टेक्नोलॉजी इस्तेमला की तो पता चला कि काले रंग का पदार्थ लोहा और फॉस्फेट है, जो काफी चौंकाने वाली खोज है।
Mars
NASA pic.twitter.com/TvAbtx3NYi— Black Hole (@konstructivizm) July 24, 2024
चट्टान के सैंपल धरती पर लाने की कोशिश
वैज्ञानिक केन के अनुसार, पृथ्वी पर मिलने वाली चट्टानों में इस प्रकार की विशेषताएं अक्सर भूमिगत रहने वाले सूक्ष्म जीवों के जीवाश्म होने का संकेत देती हैं। हालांकि अभी कह नहीं सकते, लेकिन मंगल ग्रह पर जीवाश्म हो सकते हैं। वैज्ञानिकों की टीम अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है, लेकिन इस चट्टान और इसकी मिट्टी की रिसर्च जारी है। कोशिश है कि चट्टान के नमूनों को धरती पर लाया जाए, ताकि लैब में इसकी स्टडी करके किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।