Security Deposit And Jamanat Jabt In Elections Explained: चुनाव लड़ने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ-साथ जमानत राशि भी जमा करनी पड़ती है। जब चुनाव के नतीजे आ जाते हैं, तो ‘जमानत जब्त’ शब्द काफी सुनने में आता है। पंचायत से लेकर राष्ट्रपति चुनाव तक हर उम्मीदवार को जमानत के तौर पर चुनाव आयोग के पास एक फिक्स्ड अमाउंट जमा करना होता है। इस राशि को जमानत राशि या सिक्योरिटी डिपॉजिट कहा जाता है। द कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 में इसकी व्यवस्था की गई थी और इसका मकसद सिर्फ यह सुनिश्चित करना होता है कि फर्जी और गैर गंभीर उम्मीदवार की जगह सिर्फ गंभीर और सक्षम उम्मीदवार ही चुनाव लड़े।
चुनाव आयोग के मुताबिक अगर किसी उम्मीदवार को चुनाव में कुल वैलिड वोट्स का 16.67 परसेंट वोट मिलता है, तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। इस स्थिति में उस उम्मीदवार ने चुनाव आयोग के पास जो जमानत राशि जमा की है, उसे आयोग जब्त कर लेता है। अगर किसी कैंडिडेट को इस परसेंट से ज्यादा वोट मिलते हैं, तो आयोग द्वारा उसकी जमानत राशि लौटा दी जाती है।