Budget 2025 : देश की संसद में एक फरवरी को इस साल आम बजट पेश होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को प्रस्तुत करेंगी। इस आम बजट में इनकम टैक्स पर कितनी छूट मिलने की उम्मीद है, आइए वीडियो के जरिए जानते हैं सबकुछ। चार्टर्ड अकाउंटेंट राघव चतुर्वेदी, अटेवा/NMOPS अध्यक्ष विजय कुमार बंधु, अर्थशास्त्री प्रो. धीरेश कुलश्रेष्ठ, संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सचिदानंद मिश्रा, लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने आम बजट पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
चार्टर्ड अकाउंटेंट राघव चतुर्वेदी ने कहा कि नौकरीपेशा वालों को टैक्स कटने के बाद पैसे मिलते हैं। न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक छूट है, जबकि ओल्ड टैक्स रेजीम में 5 लाख तक। सरकार की मंशा है कि सभी लोग न्यू टैक्स रिजीम शामिल हो जाए। सरकार को थोड़े पुराने लोगों की सुध लेनी चाहिए और उनके लिए भी एसी वगैरह की रिवेट बढ़ानी चाहिए। न्यू टैक्स रिजीम में लोग चाहते हैं कि 10 लाख रुपये तक टैक्स न लगे।
यह भी पढ़ें : Budget 2025: 1.52 लाख करोड़ निवेश और 85,000 नौकरियां…क्या सेमीकंडक्टर के लिए भारत बनेगा ग्लोबल सेंटर?
बजट की प्रवृत्ति हुई खत्म : विजय कुमार बंधु
अटेवा/NMOPS अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि न्यू टैक्स व्यवस्था में सरकार ने बचत की प्रवृत्ति खत्म कर दी। लोग जनवरी, फरवरी और मार्च में एलआईसी कराते थे। सरकार के लोगों ने ऐसा टैक्स लाया कि अब लोग नए टैक्स स्लैब की ओर भागेंगे। अब तो आम जनता का सारा पैसा सरकार के पास चला जाता है।
सरकारों के कामों की समीक्षा हो : मनोज पाण्डेय
लुआक्टा के अध्यक्ष मनोज पाण्डेय ने कहा कि सरकारों के कामों की समीक्षा होनी चाहिए। सरकार द्वारा इनकम टैक्स में काफी बदलाव किया जा रहा है। सरकार सिर्फ लोगों से ज्यादा से ज्यादा टैक्स वसूलने की कोशिश कर रही है। अब एलआईसी से छूट तो नहीं मिल रही है, लेकिन जीएसटी जरूर लगाता है। सरकार की नई पॉलिसी में लोग छोटी-छोटी बचत नहीं कर पा रहे हैं। टैक्स स्लैब में अब छूट नहीं मिल रही है।
मिडिल क्लास पर लगता है ज्यादा टैक्स : सच्चिदानंद मिश्रा
संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सच्चिदानंद मिश्रा ने कहा कि मिडिल क्लास अपनी नौकरी से परिवार का भरण पोषण करता है। सरकार ऊपर से टैक्स में छूट नहीं देती है। उद्योगपतियों और बिजनेसमैन को कई तरह की छूट दी जा रही है।
यह भी पढ़ें : 8th Pay Commission: 6वें और 7वें आयोग से कैसे अलग होगा नया कमीशन; जानें डिटेल
ओल्ड-न्यू टैक्स रिजीम में पीस रहा आम आदमी : प्रो. धीरेश कुलश्रेष्ठ
अर्थशास्त्री प्रो. धीरेश कुलश्रेष्ठ ने कहा कि ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम में आम आदमी पीस रहा है। नौकरी पेशा वाला सामने है, इसलिए उनसे टैक्स लिया जा रहा है। महंगाई दर की वजह से आय का अधिकांश हिस्सा चला जाता है। जो चीज पहले 50 रुपये में मिलती थी, अब उसी चीज के लिए अब 80 रुपये देने पड़ते हैं।