होम लोन एक नहीं बल्कि कई तरह के होते हैं और इसकी शर्तें भी अलग-अलग होती हैं। अलग-अलग बैंकों के अपने-अपने नियम के अनुसार ग्राहकों को लोन देते हैं। लगभग सभी बैंक और कई हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (HFC) घर, फ्लैट, जमीन खरीदने के लिए लोन की सुविधा देते हैं। जब बैंक ग्राहक को लोन दे रही होती है, तो आमतौर पर आवेदक के क्रेडिट स्कोर, महीने की इनकम, लोन राशि, लोन टू वैल्यू (LTV) रेश्यो और जॉब प्रोफाइल को देखते हुए लोन पास करने के बारे में सोचती है। इसके साथ ही ये भी ध्यान रखा जाता है कि लोन की अवधि कितनी होनी चाहिए। साथ ही लोन देने के लिए आयु सीमा भी तय की गई है, जिसमें 18 से 70 वर्ष के व्यक्ति को लोन दिया जाता है।
क्या है प्रक्रिया?
1. सबसे पहले कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बात करें और उनके बैंक के होम लोन योजनाओं के बारे में पता करें।
2. इसके बाद जिस बैंक से आप लोन लेना चाहते हैं, उस बैंक की योग्यता के बारे में जरूर चेक करें। इससे आपको ये भी पता चलेगा कि लोन की राशि और ब्याज दर क्या है।
3. अब आप बैंक के आवेदन पत्र को भरें और जरूरी दस्तावेज संलग्न करें।
4. इसके बाद बैंक आपकी आवेदन की जांच करेगा और लोन को पास करेगा या फिर कमी होने पर लोन को अस्वीकृत करेगा।
5. लोन पास होने पर आपको लोन एग्रीमेंट पर साइन करने होंगे।
6. लोन फाइनल होने के बाद लोन की राशि आपके खाते में जमा कर दी जाएगी।
7. इसके बाद हर महीने आपको ईएमआई का भुगतान करना होगा। साथ ही ये भी ध्यान रखें कि अगर आपने समय पर ईएमआई का भुगतान नहीं किया, तो जुर्माना भी देना होगा।
होम लोन के प्रकार
एडजस्टेबल या फ्लोटिंग रेट लोन- इस प्रकार के लोन में ब्याज की दर लेंडर की बेंचमार्क दर से जुड़ी होती है। अगर बेंचमार्क दर में कोई बदलाव होता है, तो ब्याज दर भी उसी अनुपात में बदल जाती है।
फिक्स्ड रेट लोन- फिक्स्ड रेट लोन में, ब्याज दर लोन लेते समय निश्चित कर दी जाती है। यही ब्याज दर लोन की अवधि के दौरान लागू रहती है।
कॉम्बिनेशन लोन- इस प्रकार के लोन में लोन का एक हिस्सा फिक्स्ड ब्याज दर पर और बाकी का हिस्सा एडजस्टेबल या फ्लोटिंग ब्याज दर पर मिलता है।
होम लोन के फायदे
घर का मालिक बनने का मौका- घर खरीदते समय एक बार में पूरी रकम देना मुश्किल होता है, लेकिन होम लोन से आप घर खरीदने के बाद धीरे-धीरे भुगतान करते हैं। इसके साथ ही आप रेंट पर रहने से बचते हैं और इसका हिस्सा EMI में निवेश होता है।
टैक्स में छूट- होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5 लाख रुपये तक की सालाना छूट दी जाती है। सेक्शन 24 के तहत ब्याज पर ₹2 लाख रुपए तक की सालाना छूट है। वहीं, सेक्शन 80EE और 80EEA अतिरिक्त छूट भी मिल सकती है। इसके साथ कुछ शर्तें भी हैं।
प्रॉपर्टी की वैल्यू बढ़ना- हो सकता है कि आज जो घर आप खरीद रहे हैं, उसकी वैल्यू 5 से 10 साल में बढ़ सकती है, यानी लोन पर लिया गया घर आगे चलकर आपके लिए एक बड़ा एसेट बन सकता है।